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राबड़ी आवास पर RJD विधानमंडल दल की बैठक खत्म, विशेष सत्र को लेकर बनी खास रणनीति

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Published : Aug 23, 2022, 9:01 PM IST

Updated : Aug 24, 2022, 7:06 AM IST

24 अगस्त से बिहार विधानमंडल का विशेष सत्र शुरू हो रहा है. उससे ठीक एक दिन पहले आज तेजस्वी यादव की मौजूदगी में आरजेडी विधानमंडल दल की बैठक हुई. पढ़ें पूरी खबर...

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पटना :पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास मेंआरजेडी विधानमंडल दल की बैठक (RJD Legislature Party Meeting) हुई. बैठक में पार्टी कोटे से तमाम मंत्री और विधायक शामिल हुए. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) तेजस्वी यादव बैठक में मौजूद रहे. इस बैठक से पहले तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री आवास जाकर नीतीश कुमार से 1 घंटे तक मुलाकात की थी.

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बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष के नाम पर सहमति: पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए आरजेडी की तरफ से तय किए गए नाम पर मुहर लग सकती है. इस पद के लिए आरजेडी विधायक अवध बिहारी चौधरी (RJD MLA Awadh Bihari Chaudhary) का नाम तय किया गया है. पिछड़ी जाति से आने वाले अवध बिहारी चौधरी की गिनती कद्दावर नेताओं में होती है. इस बार वह छठी बार सिवान सदर सीट से विधायक चुने गए हैं. अवध बिहारी चौधरी इससे पहले 1985, 1990, 1995, 2000 और फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुके हैं. वह पूर्व की राबड़ी देवी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. आपको बता दें कि अवध बिहारी चौधरी इस पद के लिए 2020 में पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि तब बीजेपी के विजय कुमार सिन्हा की जीत हुई थी.

इधर स्पीकर विजय सिन्हा (Speaker Vijay Kumar Sinha) ने महागठबंधन की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि यह नियम के विरुद्ध है और जो आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरह से गलत हैं. अविश्वास प्रस्ताव ( No Confidence Motion Against Vijay Kumar Sinha) को मैं अस्वीकार करता हूं और मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. महागठबंधन की सरकार पिछले कई दिनों से विजय सिन्हा को नैतिकता का पाठ पढ़ा रही थी लेकिन कुछ काम नहीं आया.

वहीं इस मुद्दे पर आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोझ झा ने ट्वीट किया, ''बिहार में विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ 1960/1970 में भी अविश्वास प्रस्ताव आया था. 60 में अध्यक्ष ने शालीनता से स्वयं आसन छोड़ दिया और 70 में प्रस्ताव ही वापस ले लिया गया. वर्तमान अध्यक्ष से उम्मीद है कि श्रेष्ठ संसदीय परम्पराओं के अनुरूप बहुमत के अविश्वास के आलोक में आसान छोड़ दें.''

Last Updated : Aug 24, 2022, 7:06 AM IST

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