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सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि पर राजद का सीएम पर हमला, 'चुनाव के परिणाम के बाद नीतीश चारों खाने चित होंगे'

आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, बारिश के कारण हुई रेट में बेतहाशा वृद्धि, नीतीश कुमार सिर्फ कर रहें वोट की राजनीति.

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Published : Oct 26, 2020, 4:26 PM IST

पटना
वरिष्ठ नेता एजाज अहमद

पटना: राजधानी पटना समेत बिहार भर में हरी साग-सब्जियों से लेकर राशन की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

आरजेडी के वरिष्ठ नेता एजाज अहमद ने कीमतों में वृद्धि को लेकर नीतीश सरकार को जिम्मेदार बताया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए वरिष्ठ नेता एजाज अहमद द्वारा कही गई कुछ मुख्य बातें-

  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ध्यान कीमतों में वृद्धि की ओर नहीं है. उनका ध्यान सिर्फ वोट की राजनीति पर है. चुनाव के परिणाम के बाद नीतीश चारों खाने चित होंगे. जनता उनको सबक सिखाने का काम करेगी. बेतहाशा वृद्धि को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है.
  • जो हरी साग-सब्जी महज 20 से ₹30 में मिलते थे अब दुगुने और तिगुने कीमतों में बिक रहे हैं. आलू, गोभी, प्याज, टमाटर जैसी रोजाना इस्तेमाल होने वाली सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो गई है. सब्जी व्यापारियों का कहना है कि बारिश से फसल खराब होने की वजह से सब्जियों की कीमतें बढ़ी है.
  • पूरे बिहार में काला बाजारियों की मनमानी चल रही है, पर सरकार ने उनको पूरी तरह से छूट दे रखी है. सरकार के ऐसे उद्योग धंधे चलाने वालों को ढील देने के कारण ही उपरोक्त चीजों की कीमतों में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है.
  • सरकार के इसी उदासीन रवैया के चलते लोगों को उन्हें चुनाव में सबक सिखाने का काम करना होगा. बिहार में 3 चरणों का चुनाव होना है. 10 तारीख को परिणाम आएगा.
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही रोजगार, शराबबंदी, किसान समस्या, शिक्षक वेतन समस्या, जैसे मुद्दे से विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है. अब सब्जियों और अनाजों की आसमान छूती कीमतों से जनता उन्हें वोट नहीं देगी.
    आरजेडी वरिष्ठ नेता एजाज अहमद

बहरहाल विपक्ष के निशाने पर इस बार एनडीए सरकार है, अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि सब्जियों और अनाज की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि को लेकर जनता कितना अपना आक्रोश चुनाव के परिणाम पर दिखाएगी. यह काफी दिलचस्प होगा कि जनता उनको सबक सिखाने का काम करेगी या अपने नेता को एक और मौका देगी. सरकार अगर जल्दी ही बढ़ी कीमतों पर अंकुश नहीं लगाती है तो गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोग का वोट मिलने का कम आशंका है.

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