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EVM से नहीं, बैलेट पेपर से है डर, EC पहुंचे आरजेडी नेता मनोज झा

पिछले कई चुनावों में हारने वाली पार्टी अक्सर ईवीएम को निशाना बनाती है. अक्सर आरोप लगाया जाता है कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है, या फिर ईवीएम ही बदल दी गई है. लेकिन इस बार बिहार चुनाव में आरजेडी को ईवीएम में नहीं बल्कि बैलेट पेपर में गड़बड़ी की आशंका है.

rjd is feared of ballot paper
मनोज झा

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Published : Oct 20, 2020, 10:43 PM IST

पटना:बिहार चुनावों में आरजेडी को आशंका है कि इस बार बैलेट पेपर से छेड़छाड़ हो सकती है. हालांकि, पिछले कई चुनावों में अलग-अलग पार्टी ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगा चुकी हैं, लेकिन आरजेडी को ईवीएम के बदले बैलेट पेपर में गड़बड़ी की आशंका है.

दरअसल, इसकी वजह ये है कि इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने 80 साल से ज्‍यादा उम्र के बुजुर्ग, शारीरिक रूप से अक्षम दिव्‍यांग, हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना मरीज के अलावा कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्‍टर्स और पैरामेडिकल स्‍टाफ को बैलेट पेपर से वोट देने का विकल्‍प दिया है. ऐसे में आरजेडी को लग रहा है कि इसमें छेड़छाड़ किया जा सकता है.

मनोज झा ने सौंपा ज्ञापन

इस मामले में आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने चुनाव आयोग में जाकर ज्ञापन सौंपा है, साथ ही ये मांग भी की है कि इस प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव किया जाए. आरजेडी की चुनाव आयोग से मांग है कि प्रत्‍येक बूथ पर मतदान के बाद बैलेट पेपर के जरिए हुए मतदान की संख्या की सत्यापित कॉपी बूथ एजेंट को उपलब्ध कराई जाए. चुनाव आयोग को सौंपे गए ज्ञापन में ये भी कहा गया है कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मतगणना के बाद ईवीएम में पड़े वोट और पोलिंग बूथ के मत के मिलान में विसंगति पाई गई थी. ऐसी किसी भी स्थिति में पोलिंग बूथ के सत्यापित मतों को ही प्रमाणित माना जाए. आरजेडी का कहना है निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग को इनकी इस मांग पर जरूर ध्यान देना चाहिए.

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