पटना:बिहार विधानमंडल (Bihar legislative Assembly) के मानसून सत्र (Monsoon Session) खत्म होने के बाद एकाएक जिस तरह से लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) एक्टिव हुए हैं, उसने बिहार की सियासत (Bihar Politics) को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. लालू कुछ दिनों में ही शरद पवार, शरद यादव और मुलायम सिंह यादव से मिल चुके हैं. इस दौरान राजद (RJD) नेताओं के 15 अगस्त को तेजस्वी के झंडा फहराने का दावा हो या जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर तेजस्वी और नीतीश की मुलाकात, इसने कहीं ना कहीं सियासी विशेषज्ञों के भी कान खड़े कर दिए हैं.
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बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही विपक्ष ने सरकार पर हमले का मौका नहीं छोड़ा है. जब से लालू यादव जेल से बाहर आए हैं और उसके बाद जब से उनके पटना आने को लेकर चर्चा शुरू हुई है. तब से ही बिहार की सियासत एक अलग ओर जाती हुई दिख रही है. इस दौरान गाहे-बगाहे राजद नेताओं का दावा भी सियासी सरगर्मी बढ़ा रहा है.
पिछले कुछ दिनों की बात करें तो राजद सुप्रीमो लालू यादव ने शरद यादव, शरद पवार और मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की है. इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. क्योंकि अगले साल यूपी में चुनाव होने हैं. इधर लालू यादव बहुत जल्द पटना भी लौटने वाले हैं. एक तरफ तीसरे मोर्चे के गठन की चर्चा दूसरी तरफ बिहार में सियासी फिजां को लेकर भी राजद नेता संकेत दे रहे हैं.
'बहुत जल्द बिहार की सियासत में भूचाल आने वाला है. लालू यादव को एक्टिव देखकर जिस तरह से एनडीए नेता परेशान हैं, उसी से सब कुछ क्लियर हो रहा है कि बहुत जल्द कुछ न कुछ होने वाला है. मैंने पिछले दिनों ही कहा था कि 15 अगस्त को तेजस्वी यादव झंडा फहराएंगे. मैं अब भी उन बातों पर कायम हूं.'-भाई वीरेंद्र, मुख्य प्रवक्ता, आरजेडी
पिछले कुछ दिनों के दौरान बिहार की सियासत की प्रमुख बातों पर गौर करें तो विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले थे. विपक्ष के नेताओं ने मुख्यमंत्री के साथ मिलकर प्रधानमंत्री से जातीय जनगणना कराने की मांग की है. इसके लिए नीतीश कुमार ने विपक्ष के साथ प्रधानमंत्री से मिलने का समय ही मांगा है.