पटना:चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kisore) ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात के संकेत दिए कि देर से ही भले वे राजनीति में एंट्री करेंगे. पीके के ऐलान के बाद राज्य में सियासत गर्म हो गई है. बिहार में आरजेडी और जीतन राम मांझी (Jitanram Manjhi) की पार्टी हम (HAM) ने कहा है कि पीके बिहार की जनता को बरगलाने (HAM on pk Game plan) आए हैं. उन्हें जनता सबक सिखा देगी.
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जनता को बरगलाने आए पीके- हम : हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रधान महासचिव दानिश रिजवान ने कहा है कि प्रशांत किशोर बिकाऊ है और जिंदगी भर उन्होंने पैसा लेकर कई पार्टियों का प्रचार प्रसार किया है. बिहार को जिस तरह नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाया है, वो बात उन्हें आज नही दिख रही है. बिहार वर्ष 2005 से पहले कहां था ये भी अब उन्हें याद नही है. जनता को बरगलाने आये प्रशांत किशोर को बिहार की जनता सब याद दिला देगी.
''बिहार की जनता जानती है कि किसने बिहार को बिषम परिस्थितियों से निजात दिलाया है और कहां तक पहुंचा दिया है. आज चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को कुछ दिख नही रह है. क्योंकि वो आज भी वही मंशा लेकर मैदान में आये है जो बिहार में विपक्षी दलों का है. लेकिन जनता उनकी मंशा पर पानी फेरने को तैयार है. बिहार की जनता को अगर भरोसा है तो नीतीश कुमार पर हैं, जो लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं.''- दानिश रिजवान प्रधान महासचिव हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा
वहीं प्रशांत किशोर के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ''प्रशांत किशोर जेडीयू के साथ तो पहले से है. अब अलग से राजनीति में उतर रहे हैं. जनता के बीच जाएं तो उन्हें हकीकत पता चल जाएगा. वर्तमान समय में तेजस्वी यादव की ए टू जेड नीति को राज्य के लोगों ने अपना लिया है. तेजस्वी यादव राजनीति में स्थापित हो चुके हैं. पीके के आने से आरजेडी को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है.''
प्रशांत किशोर का ऐलान : इससे पहले, चुनावी रणनीतिकार के रूप में चर्चित प्रशांत किशोर ने अपने भविष्य की योजना का खुलासा करते हुए गुरुवार को यहां कहा कि वे बिहार में पदयात्रा करेंगे और करीब 17 से 20 हजार लोगों से मिलकर उनका सुझाव लेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार को अगर अग्रणी राज्यों की सूची में लाना है तो नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है. पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने जन सुराज की चर्चा करते हुए कहा कि दो अक्टूबर से वे पश्चिम चंपारण से पदयात्रा की शुरूआत करेंगे. इस दौरान जिन लोगों से मिलने की आवश्यकता होगी उनसे मुलााकत करूंगा और उन्हें जनसुराज की परिकल्पना से जोड़ने का प्रयास करूंगा.