पटनाः बिहार में जहरीली शराब से हुई मौत ( Gopalganj Poisonous Liquor case ) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है. कहा है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. छठ के बाद शराबबंदी की हम समीक्षा करेंगे. इसको लेकर विपक्ष की बयानबाजी तेज हो गई है. राजद विधायक रामानुज प्रसाद ने कहा है कि मुख्यमंत्री अपनी नीयत की समीक्षा करें. जिस तरह से राज्य में शराब तस्कर ने पैरलल इकॉनमी तैयार कर ली है, निश्चित तौर पर राज्य के राजस्व की भारी क्षति हो रही है. इसके साथ ही कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने भी बयान दे डाला है.
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'मुख्यमंत्री को अपनी नीयत की समीक्षा करनी चाहिए. बिहार में शराब तस्कर अपनी इकोनॉमी तैयार कर ली है. मुख्यमंत्री महिलाओं की मांग को लेकर पीठ थपथपाते नजर आते हैं. अपने आप को कहते हैं कि हमने पूर्ण शराबबंदी कर दी है. बिहार की स्थिति ठीक हो गई है. ऐसा कुछ बिहार में नहीं है. शराब की होम डिलीवरी हो रही है. बड़े पैमाने पर बिहार में शराब भी बनाए जा रहे हैं. यही कारण है कि जहरीली शराब से लोगों की मौत भी हो रही है. जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी तो इस तरह की मौत नहीं होती थी. जो आज देखने को मिल रही है.'-रामानुज प्रसाद, राजद विधायक
उन्होंने साफ-साफ कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी नीयत की समीक्षा करनी चाहिए और उन्हें सोचना चाहिए कि बिहार में शराबबंदी लागू किया है. उसका क्या हाल है. जिस महिलाओं की मांग को लेकर उन्होंने बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी, अब उसी महिला के पति जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं. यानि वही महिला विधवा हो रही है. मुख्यमंत्री मूकदर्शक बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि हम लोग भी चाहते हैं कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी हो. लेकिन जिस तरह से कानून बनाया गया, लागू किया गया, कहीं न कहीं उसमें काफी खामियां हैं. सत्ता में ही बैठे लोग शराबबंदी की धज्जियां उड़ा रहे हैं. निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सबसे पहले अपनी नीयत की समीक्षा करनी चाहिए. क्योंकि पूर्ण शराबबंदी कानून को लेकर उनकी नियति ही ठीक नहीं है.