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तीसरी लहर में गंभीर रूप से अधिक संक्रमित हो रहे हैं 50 से कम उम्र वाले, जानिए क्या है वजह?

विशेषज्ञ कहते हैं कि इस बार 50 वर्ष से कम उम्र के लोग कोरोना संक्रमित (Corona Infected People Below 50 Years of Age) इसलिए भी अधिक हो रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग लापरवाही बरत रहे हैं. साथ ही कई लोगों ने अबतक कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज नहीं लिए हैं. ऐसे में जरूरी है कि हमें सावधानी और सतर्कता बरतनी चाहिए.

बिहार में कोरोना संक्रमण
बिहार में कोरोना संक्रमण

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Published : Jan 9, 2022, 8:30 PM IST

पटना:बिहार में कोरोनासंक्रमण (Corona Infected in Bihar) की रफ्तार बहुत तेज गति से बढ़ रही है. इस बार एक नई बात यह देखने को मिल रही है कि 50 वर्ष से कम उम्र वाले लोगों पर संक्रमण का अटैक गंभीर रूप से हो रहा है. 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को संक्रमण की चपेट में आने के बाद हॉस्पिटलाइजेशन की नौबत आ जा रही है. पटना के विभिन्न अस्पतालों में एडमिट मरीजों में ज्यादातर 50 वर्ष से कम के हैं.

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पटना एम्स में 50 वर्ष से कम उम्र के 10 से अधिक मरीज एडमिट हैं. वहीं एनएमसीएच की बात करें तो यहां भी 50 वर्ष से कम उम्र के 10 से अधिक मरीज एडमिट है. रविवार को भी 50 वर्ष से कम उम्र के पांच नए मरीज एनएमसीएच में एडमिट हुए हैं. इनमें 30 वर्ष से कम उम्र के 3 मरीज हैं. पीएमसीएच में इलाजरत 6 मरीजों में 3 मरीज की उम्र 50 से कम है. विगत 4 दिनों में पटना एम्स में 4 मरीजों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है. इनमें से 2 मरीजों की उम्र 30 वर्ष से भी कम थी.

देखें रिपोर्ट

पटना के होटल पाटलिपुत्र अशोक में बने डिस्ट्रिक्ट कोविड हेल्थ केयर सेंटर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सद्दाम वारसी ने बताया कि इस बार संक्रमण से गंभीर रूप से संक्रमित 50 वर्ष से कम उम्र के लोग अधिक हो रहे हैं. इसके कुछ प्रमुख वजह है. जिसमें सबसे प्रमुख वजह ये है कि इस एज ग्रुप के लोग अपनी फैमिली में अधिक सक्रिय होते हैं और सड़कों पर भी अधिक संख्या में यही एज ग्रुप के लोग आज नजर आते हैं. संक्रमण बढ़ने पर लोगों से जब घरों में रहने की अपील की जाती है तो बुजुर्ग घर में रहते हैं. बच्चे भी घर में रहते हैं लेकिन 20 वर्ष से अधिक और 50 वर्ष से कम उम्र वाले लोग हैं. सड़क पर अधिक दिखते हैं, बाजार में खरीदारी करने के लिए भी इसी एज ग्रुप के लोग अधिक निकलते हैं और बाजार में इन लोगों की लापरवाही भारी पड़ जाती है. जरा समय के लिए भी लोग अगर चेहरे से मास्क हटाते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग को भूलकर के भीड़ में जाते हैं वहीं संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ जाता है.

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डॉ. सद्दाम वारसी ने बताया कि दूसरी अहम वजह है कि कई लोग इस एज ग्रुप के अब तक अनवैक्सीनेटेड हैं और इन लोगों पर संक्रमण गंभीर रूप से प्रभाव डाल रहा है. संक्रमण इस बार जितना तेजी से फैल रहा है प्रदेश में हुए तेज गति से वैक्सीनेशन का ही नतीजा है कि हालात अभी नियंत्रण में है और अस्पतालों में मारामारी की नौबत नहीं है. 50 वर्ष से कम उम्र के जो लोग अस्पतालों में एडमिट है, उनमें लगभग सभी वैक्सीन के दोनों डोज से वैक्सीनेटेड नहीं हुए हैं.

डॉ. सद्दाम वारसी ने बताया कि 20 से 35 एज ग्रुप वाले जो लोग होते हैं. वह थोड़ी लापरवाही ज्यादा दिखाते हैं, जोकि भारी पड़ जाती है. ऐसे लोगों को लगता है कि यह लोग युवा हैं और इनका इम्यून सिस्टम मजबूत है और हल्के-फुल्के संक्रमण को आसानी से इनका शरीर झेल सकता है लेकिन कई बार यह सोच भारी पड़ जाती है, क्योंकि संक्रमण का वायरल लोड अधिक है तो मजबूत शरीर को भी कमजोर करने की क्षमता रखता है.
उन्होंने कहा कि ऐसे में बचाव का एकमात्र उपाय है कि अपना दोनों डोज का टीकाकरण कंप्लीट करें. कोरोना एप्रोप्रियेट बिहेवियर फॉलो करें, सरकार लगातार लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है. ऐसे में इन जागरूकता की अपील को अमल करें. 2 गज दूरी और चेहरे पर मास्क की जरूरी को समझें, क्योंकि सावधान रहेंगे, सतर्क रहेंगे तभी सुरक्षित रहेंगे.

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