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2014 की वो काली रात जिसे याद कर कांप जाते हैं लोग, 42 लोगों ने गंवाई थी जान

पटना के गांधी मैदान में आज रावण दहन कार्यक्रम है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित बिहार सरकार के कई मंत्री सभा स्थल पर मौजूद रहेंगे. सुरक्षा के पुख्ता इंताजम भी है. लेकिन इन सब के बीच 2014 में विजय दशमी के दिन रावण दहन के दौरान पटना गांधी मैदान में हुए हादसे को याद कर हर किसी का कॉलेजा मुंह में आ जाता है. उस दिन रावण दहन प्रोग्राम में हुई भगदड़ में 42 लोगों की जान चली गयी थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. पढ़ें पूरी खभर..

2014 की काली रात
2014 की काली रात

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Published : Oct 5, 2022, 6:31 AM IST

पटना: आज विजयदशमी है. पटना के ऐतिहासिक गाधी मैदान में रावण दहन (Ravana Dahan Program At Gandhi Maidan In Patna) होगा. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित कई गणमान्य लोग शामिल होंगे. हर्षो-उल्लास का वातावरण है. सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए गए हैं. लेकिन आज ही के दिन 2014 में पटना गांधी मैदान में दशहरा के दिन हुई भगदड़ को याद कर लोगों के जेहन में डर का साया घुमने लगता है. इस घटना में 42 लोगों की मौत हुई थी और सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

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2014 में गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान हुई थी भगदड़ : गौरतलब है कि दशहरा के दिन हर साल रावण दहन की परंपरा है. इस दिन रावण के पुतले को जलाकर असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है लेकिन साल 2014 में दशहरा में ऐसा हादसा हुआ, जो हर साल याद आ जाता है. पटना के गांधी मैदान में हुए भगदड़ का हादसा दशहरा के दिन शुक्रवार को ही हुआ था. ना चाहते हुए भी हर साल ये हादसे दशहरा के मौके पर याद आ जाते हैं.

भगदड़ में 42 लोगों की हुई थी मौत : दशहरा में रावण दहन की परंपरा पुरानी है. पटना के गांधी मैदान में सालों से रावण दहन का कार्यक्रम होता आ रहा है. लेकिन जब भी दशहरा में रावण दहन की बात होती है तो साल 2014 में पटना के गांधी मैदान में हुआ हादसा लोगों को याद आ जाता है. शुक्रवार 3 अक्टूबर 2014 में पटना के गांधी मैदान में रावण दहन कार्यक्रम के बाद शाम को लौट रहे लोगों की भीड़ में भगदड़ मच गई.

गांधी मैदान का हादसा अब तक है लोगों को याद :गांधी मैदान के केवल दो दरवाजों से निकलती आम लोगों की भीड़ एक-दूसरे पर चढ़ी जा रही थी. इसी दौरान एक दरवाजे पर भगदड़ मच गई, जो गिरा वह कुचलता चला गया. रोते-बिलखती लोगों की आवाज भगदड़ के कारण दब गई थी. लोग बेतहाशा गेट की तरफ भाग रहे थे, सभी को अपनी जान की फिक्र थी. इस भगदड़ में 42 लोगों की मौत हो गई और सौ से ज्यादा लोगों घायल हो गए थे.

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