पटना:राजधानी पटना में प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2022) में कई तरह की राखियां बाजार में बिकने के लिए आती हैं. भाई उसे बहुत शौक से अपने हाथों पर बांधते हैं. राजधानी में अब रक्षाबंधन को लेकर विशेष बुलडोजर राखी भी बिक रही (Bulldozer Rakhi In Patna) है. इसकी खासियत यह है कि रक्षाबंधन के बाद अगर कोई चाहे तो इसे डेकोरेट करने के लिए भी अपने घर में रख सकता है. बिहार के ट्रेडिशनल हिसाब से बनी यह राखियां पर्यावरण के अनुकूल तो हैं ही खूबसूरती भी इतनी कि बरबस ही इन पर ध्यान चला जा रहा है. दरअसल इन राशियों को खूबसूरती से बनाया गया है.
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इस रक्षाबंधन बुलडोजर वाली राखी :बुलडोजर राखी के साथ-साथ खूबसूरत राखी बनाने वाली विजेता कुमारी ने बताया कि इन राखियों को बनाने में बिहार के पारंपरिक सिक्क के साथ ही वैसे कलर का भी इस्तेमाल किया गया है जो पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है. यह पूछे जाने पर कि इन राखियों को बनाने का आइडिया आपको कैसे मिला? विजेता बताती है कि राखी को विशेष रूप से लड़के बांधते हैं. जहां तक बच्चों की बात है तो बच्चे खिलौनों को बहुत पसंद करते हैं. बच्चों को कार या फिर व्हीकल जैसी चीजें बहुत पसंद होती है. मैं खुद अपने बच्चे को देखती हूं, जोड़-जोड़ के भैया बना देता है और बुलडोजर का आकार दे देता है.
'आदमी बच्चों से ही फील कर लेता है कि बेहतर क्या हो सकता है?, उसी से यह आईडिया आया. मेरा भाई भी बुलडोजर और जेसीबी का काम करता है. उसी से यह दिमाग में आया कि बुलडोजर बनाकर कोशिश करते हैं. बुलडोजर शेप में एक राखी बनाने में 5 से 6 घंटे लग जाते हैं, कलर कॉन्बिनेशन का ध्यान रखना पड़ता है. इसे बनाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है. एक राखी की कीमत 100 रुपए पड़ती है. बच्चे इसे बाद में खिलौने के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे मैंने पहली बार बनाया है. हैंड टू हैंड जितने लोगों ने इसे देखा है, इसे खरीद लिया है.'- विजेता कुमारी, राखी बनाने वाली कारीगर
Key रिंग राखी का जलवा : बुलडोजर राखी के अलावा विजेता ने Key रिंग राखी और बरौच राखी भी बनाया है. की-रिंग राखी का इस्तेमाल की-रिंग के रूप में किया जा सकता है, जबकि बरौच का इस्तेमाल कोट या सूट के ऊपर किया जा सकता है. एक बरौच राखी की कीमत 80 रुपए हैं. विजेता बताती हैं कि जितनी भी राखियां हैं, सब पर्यावरण के अनुकूल हैं, इसे बनाने के लिए जिस सिक्की का प्रयोग किया जाता है, इसे वह मधुबनी से कच्चे माल के रूप में मंगवाती हैं, वह बताती है कि और राखियों के अलावा सिक्की की बनी ब्रेसलेट, बाजूबंद, गले का हार भी बनाती हैं.
कुल मिलाकर देखें तो उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान जो ''बुलडोजर'' सुर्खियों में रहा, वह अब रक्षाबंधन में भी भाई की कलाई का शोभा बढ़ाएगा. मतलब भाई बहन के त्यौहार पर भी राजनीति का असर दिखने लगा है.