पटनाःलालू प्रसाद यादव की नई नवेली बहू राजश्री यादव ने विरोधियों पर जमकर (Rajshri Yadav Reaction After Lalu Yadav Convicted) हमला बोला है. चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव को दोषी करार दिए जाने के बाद सत्तापक्ष की तरफ से तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जिसके जवाब में राजश्री ने लालू प्रसाद यादव को विरोधियों का काल बताया है.
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तेजस्वी यादव की धर्मपत्नी और लालू यादव की बहू राजश्री यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा 'सुनो जातिवादी संघियों... लालू जी को ना तुम हरा सकते हो, ना मिटा सकते हो. वो तुम्हारा काल है.' ट्वीट के साथ हैश टैग 'लालू नहीं डरेगा' भी लिखा है.
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वहीं, अगले ट्वीट में राजश्री ने लिखा 'अगर लालू जी BJP से हाथ मिला लेते तो वो आज हिंदुस्तान के राजा हरीशचंद्र होते. तथाकथित चारा घोटाला दो मिनट में भाईचारा घोटाला हो जाता अगर लालू जी का DNA बदल जाता.' यहां आपको ये बताना जरुरी है कि राजश्री का यह ट्वीट उनके पति तेजस्वी के ट्विटर हैंडल पर पिन किया हुआ है. उसे ही राजश्री ने कॉपी-पेस्ट किया है.
बता दें कि मंगलवार को लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के पांचवे मामले में दोषी करार दिया गया है. लेकिन इससे पहले उन्हें चार केसों में सजा मिल चुकी है. जो इस प्रकार हैं...
पहला केस : चाईबासा कोषागार, 37.7 करोड़ का घोटाला :चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों पर चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की सजा हुई थी.
दूसरा केस : देवघर कोषागार, 84.5 लाख का घोटाला :देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
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तीसरा केस: चाईबासा कोषागार, 33.67 करोड़ का घोटाला :चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.
चौथा केस: दुमका कोषागार, 3.13 करोड़ का घोटाला :ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी.
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