पटनाःबिहार में कोरोना संक्रमणके मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए सरकार ने 1 मई से होनेवाले टीकाकरण अभियान में सभी 18+ आयु वर्ग के लोगों को फ्री में वैक्सीन लगाने का फैसला किया है. बिहार सरकार के इस फैसले को लेकर कई नेता सरकार की नीति की आलोचना कर रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं बिहार चुनाव में प्लूरल्स पार्टी की ओर से सीएम पद की दावेदार रहीं पुष्पम प्रिया चौधरी. पुष्पम प्रिया चौधरी ने भी कोरोना टीका लगाने की बात की है. साथ ही उन्होंने बिहार सरकार को घेरते हुए एक पोस्ट किया है. लेकिन पुष्पम का ये पोस्ट उन्हीं पर भारी पड़ गया है.
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टीका लेने के बाद पुष्पम ने किया ट्वीट
दरअसल, प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरीने वैक्सीन लेने की बात की, लेकिन फ्री में नहीं, बल्कि इसके लिए उन्होंने 800 रुपये बिहार सरकार को दिए. इसी को लेकर पुष्पम ने ट्वीट कर लिखा कि उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में 800 रुपये दान दिए हैं. ये पैसे उन्होंने कोरोना की वैक्सीन के लिए दिए हैं. पुष्पम ने आगे लिखा कि बिहार को 25 करोड़ वैक्सीन चाहिए, ₹10000 करोड़ लगेंगे, पैसा है नहीं, जो समर्थ हैं वे पैसा दें और सरकार पर दबाव दें कि वह अंतिम व्यक्ति तक टीका पहुंचाए, मैंने वैक्सीन के ₹800 दिए, आप अलग ‘फंड’ बनाकर सामर्थकों से स्वैच्छिक भुगतान की अपील करें, पैसे का सदुपयोग करें.
ट्विटर के अलावा प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष ने फेसबुक पर भी एक लंबा चौड़ा पोस्ट किया और सरकार पर जमकर तंज कसा. पुष्पम प्रिया चौधरी ने फेसबुक पर लिखा-
"सरकार के पास पैसा है नहीं, लेकिन ‘फ़्री’ वैक्सीन देने का ड्रामा कर रही. न बजट में प्रावधान है और न केंद्र देने को तैयार, वैसे भी ‘फ़्री’ कुछ नहीं होता, जनता का ही पैसा है. न तो पीएम अपने पॉकेट से देंगे न सीएम. ऐसे में जो पैसा दे सकते हैं उनको भी फ़्री में वैक्सीन देने का सीधा मतलब है कि सभी को वैक्सीन नहीं मिल पाएगी. यह ख़राब पॉलिसी है. जो समर्थ हैं और स्वेच्छा से पैसा दे सकते हैं, उनसे पैसा लिया जाना चाहिए.".पुष्पम प्रिया चौधरी
पुष्पम प्रिया चौधरी का पोस्ट "मैं बिहार के मुख्यमंत्रीNitish Kumarसे अपील कर रही हूँ कि वे प्रतिष्ठा में प्राण न गंवाएं और जो समर्थ हैं उनसे पैसा मांगने में शर्म न करें. उनसे आग्रह है कि एक “वैक्सीन फंड” की व्यवस्था करें ताकि लोग स्वेच्छा से उसमें अपनी वैक्सीन के ₹800 जमा कर सकें. इससे जो भी पैसा जमा हो उसको फ़ालतू योजनाओं में बर्बाद न कर सिर्फ़ सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन, ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर पर खर्च किया जाय और उसका पूरा ब्योरा प्रकाशित किया जाय".पुष्पम प्रिया चौधरी
पुष्पम प्रिया चौधरी के पोस्ट पर यूजर का ट्वीट इसे भी पढे़ेंःकोरोना संक्रमित परिवारों को फ्री में मछली-भात खिलाएंगे नीतीश के मंत्री
इतना लिखने के बाद पुष्पम ने आगे लिखा कि उन्होंने अपनी वैक्सीन के लिए सीएम रिलीफ़ फंड में ₹800 दे दिए हैं. पुष्पम ने लोगों से भी ऐसा ही करने की अपील बाकी के लोगों से भी की. पुष्पम ने नीतीश सरकार को नक्कारा बताते हुए लिखा कि सरकार पर भरोसा करना होगा और नैतिक दबाव बनाना होगा कि वे अंतिम व्यक्ति तक, गांवों तक, ग़रीबों तक टीका पहुंचाए.
पुष्पम प्रिया चौधरी के पोस्ट ट्रोल हो गईं पुष्पम
पुष्पम प्रिया चौधरी ने भले ही अपने ट्वीट से सरकार पर फ्री वैक्सीन देने की बात को लेकर जबरदस्त व्यंग्य किया हो लेकिन लोगों को उनका ये ट्वीट और पोस्ट पसंद नहीं आया है. ट्वीट और पोस्ट को लेकर पुष्पम प्रिया चौधरी को लोग जमकर ट्रोल कर रहे हैं. पुष्पम के ट्वीट पर ट्वीट करते हुए लोग उनकी ओर से सीएम रिलीफ फंड में दिए गए पैसों को लेकर उनपर भड़ास निकाल रहे हैं. एक ट्वीटर ने पुष्पम के ट्वीट पर ट्वीट करते हुए लिडा कि " केवल अपना वैक्सीन का cost दिया, अरे मैडम जी आप तो chief मिनिस्टर बनने आयी थी. कम से कम अपने constituency के सारे लोगों को ही वैक्सीन लगवा दो". एक अन्य यूजर ने पुष्पम पर तंज कसते हुए लिखा - बहुत सस्ते में निपटना चाहती हैं आप और ख्वाब CM ke. एक यूजर ने लिखा कि “आप सिर्फ 800 रूपया दान की. कम से कम आपको एक लाख देना चाहिए था. 800 रूपए आप हमसे ही ले लीजिये.”
पुष्पम प्रिया चौधरी के पोस्ट पर यूजर का ट्वीट सुशील मोदी ने कही है ये बातें...
लोग पुष्पम से सवाल कर रहे हैं कि इस महामारी के दौर में भी उन्हें राजनीति हीं याद आ रही है. वैसे आपको बता दें कि केवल पुष्पम ही नहीं हैं जो सबकों फ्री वेक्सीन देने को लेकर सरकार की आलोचना कर रही हैं. खुद बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने भी कोरोना के टीकाकरण को संसाधनों सतर्कता से इस्तेमाल करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि एलपीजी सिलेंडर की सब्सिडी छोड़ने की तरह ही लोगों को टीके के लिए भुगतान करने का विकल्प देना चाहिए. इससे गरीबों के कल्याण के लिए सरकार के पास अधिक संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे.