पटना:पिछले काफी समय से पटना यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की कमी (Shortage of Teachers in Patna University) है. शिक्षकों की कमी होने की वजह से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाती है. विश्वविद्यालय में 280 से अधिक स्थायी शिक्षकों के पद रिक्त हैं. ऐसे में शिक्षकों की कमी को फिलहाल के लिए दूर करने के उद्देश्य से बीते वर्ष अक्टूबर के महीने में 206 गेस्ट फैकेल्टी शिक्षक की वैकेंसी निकाली गई थी. जनवरी 2022 तक यह रिक्तियां भर ली जानी थी लेकिन कोरोना की तीसरी लहर आ गई. जिसके बाद यह और एक्सटेंड कर दिया गया. उसके बाद अभी तक 206 गेस्ट फैकेल्टी शिक्षकों के पद नहीं भरे गए हैं. इस दौरान कई शिक्षक रिटायर कर गए हैं. ऐसे में अब 211 गेस्ट फैकेल्टी शिक्षकों के पद विश्वविद्यालय में भरे जाने हैं.
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1 जुलाई से होगी ज्वाइनिंग: पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि गेस्ट फैकेल्टी के लिए निकाली गई वैकेंसी के आलोक में 3000 से अधिक आवेदन विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए. इन आवेदनों के आलोक में इंटरव्यू की प्रक्रिया भी शुरू हुई लेकिन काफी सारे आवेदन में गड़बड़ी पाई गई. जिसके बाद गेस्ट फैकेल्टी के नियुक्ति की यह प्रक्रिया रुक गई. इसके बाद जितने लोगों ने आवेदन दिए हैं, उन लोगों का फिजिकल वेरीफिकेशन कराया गया है. आगामी 6 और 7 मई को इन लोगों के इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू होगी और इंटरव्यू के आधार पर गेस्ट फैकेल्टी का चयन किया जाएगा. मई महीने में इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी क्योंकि जून के महीने में विश्वविद्यालय की छुट्टी होती है. ऐसे में सभी गेस्ट फैकेल्टी को 1 जुलाई से विश्वविद्यालय में नियुक्त किया जाएगा. यह नियुक्ति उनकी एक 11 महीने के लिए होगी.
कभी पटना विश्वविद्यालय का बड़ा नाम: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए किसी समय पटना विश्वविद्यालय का बड़ा नाम था लेकिन शिक्षकों की कमी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रभावित हो गई. ऐसे में विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को फिर से बढ़ाने के उद्देश्य से किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि पुरानी गरिमा को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है. रिसर्च फील्ड में पटना विश्वविद्यालय काफी पीछे था लेकिन उनके निर्णयों से अब 100 से अधिक रिसर्च पेपर विश्वविद्यालय में सबमिट किए गए हैं.