पटना: प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन ने बिहार सरकार को स्कूल खोलने का अल्टीमेटम (Private School Association Gave Ultimatum to Bihar Government to Open School) दिया है. साथ ही कहा है कि स्कूल नहीं खुला तो शिक्षा आंदोलन किया जाएगा. अगर 6 फरवरी तक दिशा निर्देश पारित नहीं होगा तो 7 फरवरी से राज्य में इस आंदोलन की शुरुआत कर दी जाएगी. यह घोषणा एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की. उन्होंने कहा कि स्कूलों को बंद करके सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. स्कूल को खोलने की मांग को लेकर एसोसिएशन द्वारा सभी जिला मुख्यालयों में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जा रहा है.
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'बिहार सरकार द्वारा बिहार बोर्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में बोर्ड परीक्षा को लेकर फिजिकल तौर पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं आयोजित की गई. अब 1 फरवरी से बिहार बोर्ड की बोर्ड परीक्षा भी शुरू हो रही है. बोर्ड परीक्षा को लेकर प्राइवेट स्कूलों के भवनों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि निजी विद्यालयों में बोर्ड की परीक्षा आयोजित करने से बच्चों को कोरोना नहीं होगा और जब यही निजी विद्यालय अपनी कक्षाओं का संचालन करें तो बच्चों को कैसे कोरोना हो जाएगा.'-शमायल अहमद, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने साफ तौर पर स्पष्ट किया है कि कोरोना के कारण विद्यालयों को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है. महाराष्ट्र जैसे राज्य जहां संक्रमण का सबसे ज्यादा असर है और मामले हैं, वहां राज्य सरकार के द्वारा विद्यालय खुल चुके हैं. लेकिन बिहार में विद्यालय क्यों नहीं खुल रहे हैं, यह सरकार से जानना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि विद्यालयों के बंद होने के बावजूद सरकार उनसे ट्रांसपोर्ट टैक्स बिजली बिल और अन्य प्रकार के कर वसूल कर रही है. ऐसे में काफी संख्या में छोटे प्राइवेट स्कूल बंद हो रहे हैं.