पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने घोषणा की है कि 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का वैक्सीनेशन (vaccination of children in Bihar) शुरू होगा. 10 जनवरी से प्रिकॉशन डोज की शुरुआत की जाएगी. इसके तहत वैक्सीन का तीसरा और बूस्टर डोज (Third and booster dose of vaccine) दिया जाएगा. ऐसे में वैक्सीनेशन की तैयारियों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव प्रशांत भूषण ने राज्यों के सभी सिविल सर्जन और डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर के साथ बैठक की. 3 जनवरी से शुरू हो रहे बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर गाइडलाइन के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही 10 जनवरी से शुरू हो रहे प्रिकॉशन डोज के बारे में भी स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी गयी.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में शामिल होने एक अधिकारी ने बताया कि बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर जो केंद्र का दिशानिर्देश है, उसके मुताबिक जितने भी टीकाकरण के स्पेशल सेंटर और अस्पतालों व पीएचसी में बने हुए सेंटर हैं, उन सभी जगहों पर बच्चों का वैक्सीनेशन होगा. फिलहाल कोवैक्सीन का ही टीका बच्चों को लगेगा. बड़ों में दिए जाने वाले कोवैक्सीन के डोज में कोई अंतर नहीं है. दोनों एक ही हैं.
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय का जो दिशा-निर्देश है, उसके मुताबिक वैक्सीनेशन सेंटर पर बच्चों का वैक्सीनेशन रूम अलग होगा. जिस जगह पर 18 प्लस का वैक्सीनेशन चल रहा है, उससे अलग बच्चों का स्पेशल वैक्सीनेशन स्पॉट होगा. ठंड का मौसम है. ऐसे में ठंड के मौसम में बच्चों को सर्दी जुकाम की विशेष शिकायत होती है. ऐसे में अगर सर्दी बुखार से बच्चे पीड़ित है तो ऐसे बच्चों को वैक्सीन नहीं लगेगी.
वैक्सीनेशन के बाद बच्चों को 30 मिनट तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. वैक्सीनेशन की प्रक्रिया बच्चों में भी बड़ों की तरह ही होगी. उनका भी वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन और ऑन स्पॉट दोनों माध्यमों से होगा. बच्चों के लिए कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया एक जनवरी से शुरू होगी. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों को बैठक के बाद राज्यों को वैक्सीनेशन के लिए अपने स्तर से भी तैयारी करने को कहा है.
इसके बाद राज्य स्वास्थ समिति द्वारा देर शाम बैठक की गई और बुधवार को सिविल सर्जन और डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर अपने-अपने जिले के स्वास्थ्य कर्मियों की बैठक लेंगे और वैक्सीनेशन से जुड़ी जानकारी देंगे. स्वास्थ विभाग के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बच्चों के लिए वैक्सीनेशन सेंटर बड़े लोगों से अलग इसलिए रखा जा रहा है ताकि बच्चों के अंदर से डर निकले.