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पोस्टर पॉलिटिक्स: 'ठीके है...' के बाद जारी हुआ- 'क्यों करें विचार, जब है ही नीतीश कुमार'

राज्य में एक बार फिर से पोस्टर पॉलिटिक्स जारी है. जेडीयू के फिछले पोस्टर 'क्यों करें विचार ठीके तो हैं नीतीश कुमार' पर बयानबाजियां अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि पार्टी ने 'क्यों करें विचार जब है ही नीतीश कुमार' का पोस्टर लगाया है.

राज्य में पोस्टर पॉलिटिक्स जारी

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Published : Sep 8, 2019, 5:37 PM IST

पटना: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. एक बार फिर से राज्य में पोस्टर पॉलिटिक्स जारी है. 'क्यों करें विचार ठीके तो हैं नीतीश कुमार' पर किरकिरी होने के बाद जेडीयू ने एक नया पोस्टर जारी किया है. इस बार 'क्यों करें विचार जब है हीं नीतीश कुमार' का पोस्टर लगाया गया है. हालांकि नया पोस्टर पार्टी कार्यालय के सामने ना लगाकर गेट के पीछे लगाया गया है. अब इसपर भी बयानबाजी शुरु हो गई है.
आरजेडी का तंज
आरजेडी ने पिछले पोस्टर का जवाब अपने पोस्टर से दिया था. एक बार फिर नए नारे वाले पोस्टर पर भी पार्टी विधायक शक्ति यादव ने तंज कसा था. विधायक यादव ने कहा कि जब एक बार विश्वास खत्म हो जाए तो फिर उसे स्थापित नहीं किया जा सकता. मौजूदा समय में बिहार में भ्रष्टाचार और अपराध का बोलबाला है तो फिर जनता क्यों विचार नहीं करेगी. लगता है नीतीश कुमार मुगालते में हैं.

राज्य में पोस्टर पॉलिटिक्स जारी
सहयोगी बीजेपी का बचावबिहार में सहयोगी बीजेपी अपने साथी जेडीयू का बचाव करती नजर आ रही है. प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने आरजेडी के हमले पर नीतीश कुमार का पक्ष लिया. उन्होंने आरजेडी से सवालिया लहजे में कहा कि जब भी नीतीश कुमार के स्लोगन वाला पोस्टर जारी होता है तो उनके नेताओं के पेट में दर्द क्यों शुरू हो जाता है. चुनावी मौसम है और हर पार्टी को अपने नेता के प्रचार प्रसार का अधिकार है.
जेडीयू की दलीलइस पूरे मामले पर जेडीयू की ओर से भी अपना पक्ष रखा गया है. पार्टी प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है 2015 के चुनाव में भी कई पोस्टर जारी किए गए थे. उसी रणनीति के तहत इस बार भी पोस्टर जारी किए जा रहे हैं. यह महज चुनावी प्रक्रिया का एक हिस्सा है और इसे उसी नजरिए से देखा जाना चाहिए.

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