पटना: नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार (Bihar in the report of NITI Aayog) एक बार फिर फिसड्डी हो गया है. जिसके बाद जदयू ने एक बार फिर 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले' का मुद्दा उठा दिया. जदयू द्वारा उठाए गए मुद्दे पर विपक्षी दलों ने ताबड़तोड़ हमला करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब भी नीतीश कुमार किसी मुद्दे में फंसते हैं. तो लोगों को दिग्भ्रमित करने के लिए विशेष राज्य के दर्जा का डिमांड उठाने लगते हैं. वहीं हम पार्टी ने कहा, बीजेपी से लड़ कर लेंगे विशेष राज्य का दर्जा. क्योंकि राजनीतिक संभावनाओं का खेल है. हम लगातार नीतीश कुमार के मुद्दे के साथ खड़ा है.
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लगातार सियासत हो रही है गर्म
नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद बिहार की सियासत लगातार गर्म होती जा रही है. विपक्ष द्वारा लगातार नीतीश कुमार पर हमला किया जा रहा है. जिसको लेकर एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने का मुद्दा उठा दिया है. जदयू द्वारा उठाए गए विशेष राज्य के मुद्दे को लेकर विपक्ष एक बार फिर सरकार को घेरने में लगा हुआ है.
हर बार उठा देते हैं मुद्दा
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर का कहना कि नीतीश कुमार किसी भी गंभीर मुद्दे में फंसते हैं, तो विशेष राज्य के दर्जा का मामला उठा देते हैं. बिहार में जब भी विपत्ति आती है, चाहे बाढ़ हो या फिर सुखाड़ या फिर चमकी बुखार और अब कोरोना महामारी में भी बिहार पूरी तरह से फंसा हुआ है. नीति आयोग की रिपोर्ट ने सरकार के विकास की पोल खोल कर रख दिया है. नीतीश कुमार एक बार फिर जो विशेष राज्य के दर्जे का जो मुद्दा उठा रहे हैं, वो लोगों को दिग्भ्रमित करने के लिए है.
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'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा के लिए महागठबंधन छोड़कर नीतीश कुमार एनडीए के पाले में गए थे. लेकिन अभी भी उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिलवा सके. यदि सचमुच में नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाना चाहते हैं, तो वे क्यों नहीं प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं. यदि इस बार केंद्र सरकार की तरफ से बिहार को नीतीश कुमार विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिलवा सके, तो उनका अगला कदम क्या होगा. इस पर भी उन्हें खुलकर बोलना चाहिए. यदि सीएम नीतीश कुमार ऐसा नहीं करते हैं, तो यह माना जाएगा कि वे राजनीति में सिर्फ आई वॉश कर रहे हैं.'-राजेश राठौर, प्रवक्ता, कांग्रेस
इसी सरकार में लेना होगा दर्जा
जदयू द्वारा विशेष राज्य के दर्जे का मामला उठाए जाने के बाद हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने भी समर्थन दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी जदयू के इस बयान का समर्थन देते हुए कहा है कि कम संसाधनों के बावजूद भी नीतीश कुमार ने बिहार में बेहतर कार्य किए हैं. चाहे वो कानून व्यवस्था का हो या शिक्षा का. अपनी पूरी ताकत और लगन के साथ बिहार को विकसित करने में लगे हुए हैं. यदि केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे देती है. तो निश्चित ही बिहार भी विकसित प्रदेशों के लिस्ट में शामिल हो जाएगा. जीतन राम मांझी ने कहा है, डबल इंजन की सरकार में विशेष दर्जा नहीं मिला तो कभी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा.
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'नीतीश कुमार और हमारे पार्टी के मुखिया जीतन राम माझी भी लगातार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाने का मामला उठाते रहे हैं. यदि बीजेपी की तरफ से इस बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया, तो बिहार की जनता अब यह समझेगी कि बीजेपी के नेता सिर्फ बिहार के साथ छलावा कर रहे हैं. यदि बीजेपी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देती है, तो किसी भी सूरत में हमें यह दर्जा लेना है. क्योंकि राजनीतिक संभावनाओं का खेल है. यदि केंद्र सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं होती है. तो हम जदयू के साथ मिल बैठकर आगे की रणनीति पर भी विचार कर सकते हैं.'-विजय यादव, प्रवक्ता, हम
पिछले पायदान पर है बिहार
बता दें कि नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार सबसे पिछले पायदान पर है. जिसके बाद जदयू की तरफ से एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने का मुद्दा उठा दिया गया है. उठाए गए इस मुद्दे पर विपक्ष चुटकी ले रहा है. लेकिन बीजेपी जदयू की इस मांग को किस रूप में लेती है वह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा.
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