पटना: राजद ( RJD ) परिवार में तेज प्रताप( Tej Pratap Yadav ) और तेजस्वी ( Tejashwi Yadav ) के बीच अंतरकलह अब खुलकर सामने आ रहा है. तेज प्रताप यादव भले ही तेजस्वी यादव के खिलाफ कुछ बोल नहीं रहे हो लेकिन जगदानंद सिंह और संजय यादव ( Sanjay Yadav ) के खिलाफ जिस प्रकार से तेज प्रताप खुलकर आरोप लगा रहे हैं, साफ है कि निशाना तेजस्वी के तरफ है. ऐसे में लालू प्रसाद यादव ( Lalu Yadav ) के लिए एक बड़ी चुनौती है कि किस का साथ दें और किसका साथ ना दें.
तेज प्रताप यादव पहले भी तेजस्वी के पीए मणी यादव के खिलाफ मोर्चा खोला था. अब तेजस्वी यादव के खासम खास और नजदीकी माने जाने वाले संजय यादव के खिलाफ मोर्चा खोला है. तेज प्रताप यादव एक बार फिर से यह आरोप लगा रहे हैं कि दोनों भाइयों के बीच लड़ाई लगाने की कोशिश हो रही है और शकुनी से लेकर धृतराष्ट्र तक बता रहे हैं.
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तेज प्रताप यादव ने यह भी कहा है कि ना तो तेजस्वी से बात हुई है और ना ही लालू प्रसाद यादव से लेकिन जल्दी ही तेजस्वी यादव से भी बात करेंगे और लालू प्रसाद यादव से यानी कि पूरा मामला राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पास जाना तय है.
तेज प्रताप यादव पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराजगी पहले भी जताते रहे हैं और राजनीतिक विशेषज्ञ तो यहां तक कहते हैं कि जिस प्रकार से तेजस्वी यादव पार्टी पर लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं, तेज प्रताप यादव भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं लेकिन अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पा रहे हैं.
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इसके साथ प्रदेश अध्यक्ष का साथ नहीं मिलना, उन्हें खलता है और इसलिए इस बार खुलकर प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और आर-पार की लड़ाई करने की बात कर रहे हैं.
तेज प्रताप यादव ने तो यहां तक ऐलान कर दिया है कि यदि जगदानंद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. गौरतलब है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे पर भी तेज प्रताप यादव ने कई आरोप लगाए थे और उन्हें तेज प्रताप यादव के कारण ही हटना पड़ा था. अब जगदानंद सिंह तेज प्रताप यादव के निशाने पर हैं.