पटना: बिहार सरकार नेशराबबंदी कानून में संशोधन (Amendment in Prohibition Law) किया है. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. सरकार के इस फैसले का सहयोगी दलों ने तारीफ की है. बीजेपी ने कहा कि इससे न्यायालयों और जेलों पर दबाव कम होगा. वहीं, हम प्रमुख जीतनराम मांझी (HAM Chief Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि कानून में खामियों को महसूस कर सरकार ने संशोधन का सही निर्णय लिया है.
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न्यायालय पर बोझ कम होगा:सरकार की अहम सहयोगी बीजेपी ने सधे अंदाज में इस फैसले का स्वागत किया है. पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक राणा रणधीर सिंह (BJP MLA Rana Randhir Singh) ने कहा कि लंबे समय से संशोधन की मांग उठ रही थी. अब इस दिशा में राज्य सरकार ने जो पहल की है, उसका हम लोग स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून में संशोधन होने से न्यायालयों और जेलों पर भी दबाव कम होगा.
सरकार ने खामियों को महसूस किया: वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी इस कदम की सराहना की. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून में संशोधन की पहले से ही उम्मीद की जा रही थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी माना है कि शराबबंदी कानून में खामियां थीं. इन खामियों को महसूस करते हुए संशोधन किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर आगे भी संशोधन जरूरी होगा तो उस पर भी विचार किया जाएगा. हम लोग सरकार के इस फैसले का स्वागत करेत हैं.