पटनाः बिहार लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है. बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले के बाद आयोग की जमकर फजीहत हुई है. अब बीपीएससी घोटाला मामले को बिहार विधानसभा में भी जोर-शोर से उठाया जा रहा है. बीपीएससी परीक्षा प्रश्नपत्र लीक केस (BPSC Paper Leak case) की जांच एजेंसी EOU की कार्रवाई पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये हैं. राजनीतिक दलों का आरोप है कि इस बड़े घोटाले में रसूखदार लोग भी फंसे हैं और सरकार सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़ रही है बड़ी मछलियां अब भी कार्रवाई की जद से बाहर है.
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"प्रश्न पत्र लीक होना बेहद दुखद है और इससे हजारों छात्रों का भविष्य अंधकार में चला गया है एक कोचिंग से 300 बच्चे सेलेक्ट हो जाते हैं और सरकार जांच नहीं कराती है पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और जो भी सफेदपोश लिप्त हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए."-डॉ. शकील अहमद, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता
"कोई भी घोटाला हो सरकार बड़े अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाती है बीपीएससी घोटाला मामले में भी अधिकारियों को बचाया जा रहा है सफेदपोश पर कार्रवाई नहीं की जा रही है"-अख्तरुल इमान शाहीन, राजद विधायक और पार्टी प्रवक्ता