पटना.होली खत्म, ऐसे में एक-दो दिन बाद बिहार की सियासत एक बार फिर गरमाने वाली है. बिहार विधानसभा घेराव के दौरान हुए बवाल के बाद 307 के तहत दर्ज एफआईआर पर तिखी राजनीति का होने का अनुमान लगाया जा रहा है. हालांकि अभी तक दोनों तरफ खामोशी है. ऐसे में माना जा रहा है ये शांति तूफान आने से पहले की है.
आर-पार के मूड में विपक्ष
बिहार विधानसभा में विपक्षी विधायकों से बदसलूकी को लेकर आरजेडी के साथ पूरा विपक्ष आर-पार के मूड में है. वहीं 23 मार्च को विधानसभा घेराव के दौरान हुए हिंसक झड़प को लेकरतेज-तेजस्वी समते आरजेडी के 21 सीनियर नेताओं पर 307 ( हत्या के प्रयास ) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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कोर्ट से ही मिल सकती है जमानत
आरजेडी के 21 सीनियर नेताओं पर 307 के तहत मामला दर्ज किया गया है. ऐसे में इसकी जमानत कोर्ट से ही मिल सकती है. हालांकि 26 मार्च की शाम आरजेडी नेताओं की बैठक राबड़ी आवास पर हुई थी. इस बैठक में तय किया गया कि आरजेडी को कोई भी नेता कोर्ट में जमानत कराने नहीं जाएंगे. इस फैसले से साफ हो गया है कि विपक्ष, खासकर आरजेडी करो या मरो वाला तेवर में रहेगा. माना जा रहा कि अगले एक-दो दिन में आरजेडी अपने सहयोगियों के साथ बैठक करेगी और आगे की आंदोलन की रणनीति बनाएगी.
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आपा खोते दिखे सीएम नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तल्खियां बढ़ती ही जा रही है. इसकी शुरुआत तब हुई, जब 16 नवंबर तेजस्वी यादव की अगुवाई में विपक्ष ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया था. तब से लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आए दिन टकराव बढ़ने लगे. अमूमन शांत रहने वाले सीएम नीतीश कुमार भी कई मौकों पर आपा खोते दिखे. उनके चिड़चिड़ेपन को भी लोगों ने देखा.