पटना: बिहार में उपचुनाव (By-Election) संपन्न हो चुके हैं. मतगणना की तैयारी पूरी हो चुकी है. उपचुनाव के नतीजों के ठीक पहले राज्य का सियासी पारा सातवें आसमान पर है. हार और जीत के श्रेय को लेकर एनडीए के घटक दल आमने-सामने हैं.
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बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में चार घटक दल हैं. उपचुनाव में चारों दलों ने जदयू के पक्ष में जोर आजमाइश की है. मतगणना से पहले संभावित नतीजों को लेकर सियासत शुरू हो गई है. जीत का श्रेय और हार का ठीकरा किसके सर होगा, इसे लेकर बहस शुरू हो गई है.
उपचुनाव में दोनों सीटों पर जदयू ने उम्मीदवार खड़े किए हैं. संभावित नतीजों को लेकर सियासी संग्राम है. भाजपा को ऐसा महसूस हो रहा है कि अगर जदयू की दोनों सीटों पर जीत होती है तो श्रेय नीतीश कुमार ले जाएंगे. लेकिन अगर हार होती है तो ठीकरा भाजपा के सर मढ़ा जाएगा. नतीजों से पहले एनडीए के घटक दल पल्ला झाड़ने में लगे हैं.
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में जदयू का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा था. पार्टी 43 सीटों पर सिमट गई थी. जदयू नेता मुखर होकर यह कहने लगे थे कि भाजपा के चलते ही हमारी हार हुई है. भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमारे पक्ष में मतदान नहीं किया. ना कि भाजपा की ओर से भी प्रतिवाद किया गया था.