पटना: बिहार के मोकामा के टाल क्षेत्र को दाल का कटोरा (Lentil Bowl region in Bihar) माना जाता है. दाल की खेती के लिए टाल की मिट्टी जितनी उपजाऊ है, किसी समय में यह मिट्टी अपराध के लिए भी उतनी ही उपजाऊ थी. मोकामा टाल के किसान आजीविका के लिए दलहन की खेती पर निर्भर हैं. लेकिन एक वक्त था जब इस फसल को बचाने के लिए मुख्यधारा से भटके युवा बंदूक संस्कृति की ओर मुड़ गए. इस इलाके में तब से गैंगवार की शुरुआत हो गई. और यहीं से शुरू हुआ बाहुबल का जन्म.
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लेकिन आज सालों बाद भी तस्वीर नहीं बदली है. मोकामा टाल (Mokama Tall)क्षेत्र में इन दिनों रबी फसल की कटाई का वक्त है. पिछले कुछ सालों से भूमि विवाद में फसलों की कटाई के वक्त कई बार खूनी संघर्ष हुआ है. लेकिन अब पुलिस ने एक नया तरीका निकाला है. घुड़सवार दस्ते को खेतों की निगरानी (Police Protecting Crops in Mokama) में लगाया गया है. जिससे शांतिपूर्ण तरीके से फसलों की कटाई हो सके. अगर कहीं कोई विवाद या गैंगवार होता है तो पुलिस वाले घोड़े पर सवार होकर तुरंत मौके पर पहुंच जायें.
घुड़सवार दस्ते पर खूनी संघर्ष रोकने की जिम्मेदारी:टाल क्षेत्र होने के कारण कई इलाकों में पुलिस को वाहन से पहुंचने में काफी मुश्किल होती है. दूसरी ओर घुड़सवार दस्ते के लिए तुरंत पहुंचना बेहद आसान है. इसी को देखते हुए पुलिस ने यह नया तरीका अपनाया है. इस दस्ते का कैंप मोकामा प्रखंड के धनकडोभ हाई स्कूल में है. घुड़सवार दस्ता टाल क्षेत्र लगातार निगरानी कर रहा है. रबी की फसल तैयार है. इसकी कटाई को लेकर खूनी संघर्ष रोकने की जिम्मेदारी इसी घुड़सवार दस्ते पर है. इस दस्ते के जवान लगातार इस इलाके में राउंड लगाते हैं. इस दस्ते को देखकर फसल कटाई करने वाले खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इस प्रशासनिक व्यवस्था से किसानों में हर्ष है तो असमाजिक तत्व खौफ में हैं. मोकामा टाल क्षेत्र में फसल कटाई को लेकर खूनी जंग छिड़ जाती है. ऐसे में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था होने से टाल क्षेत्र में तनाव काफी हद तक टल गया है.
मोकामा टाल में कम हुई दलहन की पैदावार :बता दें कि अभी टाल क्षेत्र में फसल कटाई का दौर जारी है. लेकिन फसल की अच्छी उपज नहीं होने से किसान खून के आंसू रोने पर विवश हैं. किसानों के सामने फसल कटाई की समस्या दिख रही है. अच्छी पैदावार नहीं होने से गंगा पार से आए मजदूरों की भी आमद नहीं हो पायी. ऐसे में फसल कटाई नहीं हो पा रही है. इस साल फसल बुआई जलजमाव की वजह से तकरीबन एक महीने विलंब से हुआ. लिहाजा, दलहन फसल की उपज पूरी तरह खत्म हो गयी. प्रकृति के इस प्रकोप से मोकामा के किसानों में हाहाकार मचा है.