पटना:बिहार सरकार सिर्फ और सिर्फ शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) पर फोकस कर रही है. बिहार पुलिस इन दिनों झाड़ियों में खाली बोतलें ढूंढने और लोगों का मुंह सूंघने में लगी हुई है. यही नहीं बिहार पुलिस इन दिनों राजधानी पटना सहित बिहार के बड़े शहरों के होटलों में शादी विवाह में घुसकर दुल्हन के कमरे तक जाकर शराब ढूंढने में व्यस्त है. जिसका परिणाम है कि बिहार में अपराध का ग्राफ (Crime Graph in Bihar) बढ़ गया है.
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बिहार में आए दिन हत्या, लूट, अपहरण, डकैती ऐसी घटनाएं घटित हो रही हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के गृह जिले में जेडीयू नेता को गोली मारने की घटना घटित हुई है, तो वहीं गोपालगंज में दवा व्यवसायी को गोली मार दी गई. वहीं, गोपालगंज सिविल कोर्ट के वकील को दिनदहाड़े अपराधियों ने गोली मार दी. यह तो छोड़िए अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि झाझा रेलखंड पर खुसरूपुर स्टेशन पर झाझा-पटना मेमू ट्रेन में अपराधियों ने दिनदहाड़े तीन यात्रियों को गोली मारकर घायल कर दिया. यह तो कुछ घटनाएं हैं बिहार में प्रतिदिन ऐसी 20 से 25 वारदात किसी ना किसी जिले में घटित हो रही हैं.
बता दें कि नीतीश कुमार जब पहली बार सत्ता में आए थे, तब उन्होंने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत क्राइम से समझौता नहीं करने का निर्णय लिया था. कुछ हद तक क्राइम पर कंट्रोल भी हुआ था, लेकिन फिर से अपराध बढ़ने का कारण कहीं ना कहीं यह माना जा रहा है कि पूरी पुलिस फोर्स को नीतीश सरकार ने 1 सूत्री कार्यक्रम शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करवाने में झोंक दिया है.
बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में बढ़ते अपराध का कारण है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पुलिस को 1 सूत्री कार्यक्रम सिर्फ शराब बंदी को पालन करवाने में पूरी पुलिस फोर्स को लगा दिया है, जिसका परिणाम है कि बिहार में अपराध बेलगाम हो गया है और बिहार में अराजकता वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है.
''बिहार में आए दिन शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है, जिसके बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर से समीक्षा बैठक कर शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करवाने के लिए पुलिस कर्मियों को टास्क दिया है. इसके बावजूद भी समस्तीपुर में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत की घटना घटित हुई. इसके अलावा पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र से एक ट्रक शराब बरामद की गई है, जिसकी कीमत करीब 70 लाख आंकी गई है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पटना में आसानी से जब शराब की खेप पहुंच सकती है, तो अन्य जिलों की बात करना ही गलत होगा.''-अमिताभ दास, पूर्व आईपीएस अधिकारी