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पटना एयरपोर्ट पर पलायन की तस्वीर, रोजी-रोटी के लिए बिहार से बाहर जा रहे मजदूर

बिहार में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही यहां से मजदूरों का पलायन होना शुरू हो गया है. ये लोग बाहर काम की तलाश में जा रहे हैं.

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पटना एयरपोर्ट से प्लेन पकड़ने वालों में ज्यादातर मजदूर

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Published : Jun 15, 2021, 4:46 PM IST

पटनाःबिहार में लॉकडाउन(Lock Down In Bihar) के बाद अब अनलॉक(Unlock) की प्रक्रिया शुरू है. लेकिन इस बीच बिहार से एक बार फिर पलायन का दौर शुरू हो गया है. पटना एयरपोर्ट(Patna Airport) पर लगातार यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. इन यात्रियों में सबसे ज्यादा संख्या उन लोगों की है जो बिहार से बाहर काम की तलाश में जा रहे हैं. पटना एयरपोर्ट पर बिहार से बाहर काम की तलाश में जा रहे इन लोगों से ईटीवी भारत (ETV Bharta) ने बात की है.

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काम की तलाश में पलायन कर रहे हैं लोग
पटना एयरपोर्ट पर बेंगलुरु जाने के लिए फ्लाइट पकड़ने पहुंचे राम कृष्ण बताते हैं कि बिहार में रोजगार नहीं है, इसीलिए वे बिहार से बाहर जा रहे हैं. वे कहते हैं कि -

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"इस बात को मानता हूं कि कोरोना है. लेकिन पेट की भूख क्या नहीं करवाती है. अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए बाहर जा रहे हैं, दो पैसा कमाएंगे तो जिंदगी चलेगी." -राम कृष्ण, यात्री

वहीं बेगूसराय से बेंगलुरू जा रहे अजित शर्मा बताते हैं कि वे बाहर में कारपेंटर का काम करते है. वहां काम मिल जाता है, बिहार में ऐसा कुछ नहीं है. यहां सरकार कुछ भी दावा करे लेकिन हुनर रहने के बाद भी यहां कोई काम नहीं मिलता है. वे कहते हैं कि वे मजबूरन बेंगलुरु जा रहे हैं, नहीं जाएंगे तो परिवार कैसे चलेगा.

मजदूरों का जाना सरकार की विफलता दिखाता है
बता दें कि बिहार में कोरोना का कहर थमने के बाद से ही बिहार से लोगों का पलायन जारी है. सरकार ने कोरोना काल में लौटकर आए लोगों को यह भरोसा दिलाया था कि वो उन्हें बिहार से वापस बाहर नहीं जाने देगी और बिहार में ही उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करेगी.

लेकिन पटना एटरपोर्ट पर जिस तरह से बिहार से बाहर जाने वाले लोगों की सख्या लगातार बढ़ रही है उसे देखकर तो यहीं कहा जा सकता है कि सरकार लोगों को भरोसा दिलाने में कामयाब नहीं हुई है.

सरकारी वादे फिर से खोखले ही साबित हुए हैं. बाहर जानेवाले मजदूर साफ कह रहे हैं कि बिहार में कोई रोजगार नहीं है. यही कारण है कि उन्हें मजबूरन बिहार से बाहर जाना पड़ रहा है. यानि सरकार प्रवासियों के अंदर ये भरोसा ही नहीं जगा पाई है कि बिहार में रहकर ही उन्हें उनके हुनर का काम मिल जाएगा.

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