पटना: प्रथम दृष्ट्या फर्जी तरीके से जमानत लेने के एक मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने काफी सख्त रुख अपनाया है. जस्टिस संदीप कुमार (Justice Sandeep Kumar) ने इस मामले को प्रथम दृष्टया हाई कोर्ट के साथ फर्जीवाड़ा मानते हुए महानिबंधक कार्यालय को जांच का आदेश दिया.
ये भी पढ़ें-पटना हाईकोर्ट से मोकामा विधायक अनंत सिंह को झटका, नहीं मिली जमानत
दरअसल,सारण के नयागांव थाने में दर्ज शराबबंदी मामले का अभियुक्त बिमलेश राय उर्फ रोहित ने उक्त कांड के सिलसिले में अक्टूबर 2020 में पटना हाई कोर्ट में एक अग्रिम जमानत याचिका दायर किया था. उस याचिका पर बकायदा पिछले साल का ही एक केस नंबर भी पड़ा लेकिन कोरोना के कारण मामला कई दिनों तक लम्बित रहा और सुनवाई नहीं हो पाई. इस बीच अभियुक्त ने पहली याचिका को वापस लिए बगैर ही हाईकोर्ट में दूसरी अग्रिम जमानत याचिका 2021 में दायर कर दिया. यह उसी नयागांव थाना कांड संख्या के सिलसिले में था.
ये भी पढ़ें-नारायणपुर-पूर्णिया हाइवे निर्माण में पेड़ों की कटाई पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, NHAI से मांगा जवाब
पहली जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने हैरानी जताते हुए कोर्ट को बताया कि उसके मुवक्किल ने बिना उन्हें जानकारी दिए हुए दूसरी बार अग्रिम जमानत अर्जी डाल दिया था जिसमें उसे गत 29 सितम्बर को हाईकोर्ट से ही अग्रिम जमानत भी मिल गया है.