पटना: बिहार की राजधानी पटना के जिम ट्रेनर विक्रम सिंह गोलीकांड (Patna Gym Trainer Shooting Case) में एक बड़ा खुलासा हुआ है. हथियारबंद अपराधियों की गोली का शिकार हुआ विक्रम सिंह खुद स्कूटी चलाकर पटना के पीएमसीएच पहुंचा था और वहां खुद को एडमिट करवाया था. मिली जानकारी के अनुसार इलाज से लेकर डिस्चार्ज पेपर (PMCH discharge paper) पर पीएमसीएच की लापरवाही के कारण विक्रम की जगह उसके छोटे भाई सचिन का नाम लिखा गया है. इस मामले में पीएमसीएच कर्मियों की बड़ी लापरवाही (Patna PMCH Negligence) सामने आई है. इसकी जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन के होश उड़ गए.
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इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए विक्रम सिंह के वकील द्विवेदी सुरेंद्र ने सवाल खड़ा किया है. उन्होंने बताया कि यह मामला हत्या की कोशिश से जुड़ा हुआ है. इस मामले में एक बार फिर विक्रम के साथ बहुत बड़ी साजिश रची गई है. डॉक्टर राजीव कुमार सिंह बहुत पहुंच वाला व्यक्ति है. वह किसी भी रिपोर्ट को किसी भी समय चेंज करवा सकता है. डाक्टर राजीव ने अपनी पत्नी को बचाने के लिए किया है.
गौरतलब हो कि 18 सितंबर को विक्रम सिंह को कदमकुआं थाना क्षेत्र के पश्चिमी लोहानीपुर इलाके में गोली मारी गई थी. अपराधियों की गोली का शिकार विक्रम खुद स्कूटी चलाकर पीएमसीएच पहुंचा था. पटना के पीएमसीएच में उसका इलाज विक्रम सिंह के नाम पर हुआ. जांच भी जिम ट्रेनर विक्रम के नाम पर हुई. विक्रम को पीएमसीच से 29 सितंबर को डिस्चार्ज किया गया. उस समय विक्रम ने डिस्चार्ज पेपर पर गौर नही किया. विक्रम को पता नहीं था कि उसके खिलाफ कोई गहरी साजिश रची जा रही है.
अस्पताल से घर आने के बाद विक्रम को पता चला कि डिस्चार्ज पेपर पर उसकी जगह उसके छोटे भाई सचिन का नाम लिखा हुआ है. इसकी जानकारी होते ही विक्रम दूसरे दिन पीएमसीएच पहुंचा और अस्पताल द्वारा दिए गए डिस्चार्ज पेपर पर उसने सवाल उठाया कि मेरा नाम विक्रम है. भर्ती होते समय पीएमसीएच की स्लीप उसी नाम से कटी थी तो बाद में उस पर सचिन का नाम कहां से आ गया.