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एंटी लिकर टास्क फोर्स में 28 बाइक सवार गश्त दल शामिल, पटना DM बोले- 'शराबबंदी को सफल बनाएंगे'

एंटी लिकर टास्क फोर्स (Anti Liquor Task Force) को 28 बाइक और मिली है. जिससे शराब माफिया को खोजने में और आसानी होगी. यह धावा दल दो पहिया वाहन होने की वजह से दूर-दराज के स्थलों एवं संर्कीण रास्तों में शराब निर्माण कर रहे दोषियों के ऊपर शीघ्र कार्रवाई कर सकेगा. पढ़ें पूरी खबर..

एंटी लिकर टास्क फोर्स
एंटी लिकर टास्क फोर्स

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Published : Apr 2, 2022, 9:45 PM IST

पटना: बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून (Complete Prohibition Law in Bihar) को लागू कराने के लिए लगातार बिहार सरकार पहल कर रही है. उसी कड़ी में शनिवार को पटना जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह (Patna DM Chandrashekhar Singh) ने 28 मोटरसाइकिल सवार पुलिसकर्मियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये सभी घूम-घूमकर शराब के ठिकानों को ध्वस्त करेंगे और धंधेबाजों पर नकेल कसेंगे.

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एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन: अपर मुख्य सचिव मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के निदेशानुसार जिला पदाधिकारी पटना ने पटना समाहरणालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर, 28 मोटरसाइकिल को एंटी लिकर टास्क फोर्स के लिए, पुलिस विभाग को हस्तगत कर, रवाना किया. पहले भी पटना जिलाधिकारी ने 11 मार्च, 2022 को इसी काम के लिए, 20 मोटरसाइकिल हस्तगत किया था. इस प्रकार कुल 48 मोटरसाइकिल गशती दल शराब खोजने में उपयोग किया जायेगा.

शराब माफिया पर पुलिस सख्त:मिली जानकारी के अनुसार,यह मोटरसाइकिल दस्ता पटना के शहरी क्षेत्रों- दानापुर, पटना सिटी और पटना सदर के क्षेत्र में शराब की होम डिलीवरी करने वालों पर नकेल कसेगा. पटना जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में यह बाइक दस्ता, शराब निर्माण से जुडे़ कारोबारियों और शराब परिवहन और आवागमन में प्रतिनियुक्त हो रहे वाहनों पर कड़ी निगरानी रखेगा. शराब संबंधी सूचना मिलते ही यह धावा दल तीव्र गति से घटना स्थल पर पहुंच कर, स्थानीय पुलिस थाना/उत्पाद थाना से सम्पर्क स्थापित कर, दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करेगा.

'शराबबंदी कानून को सफल बनाएंगे':पटना जिला अधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि- 'शराबबंदी कानूनलागू करने के लिए यह दस्ता तैयार किया गया है. सभी पुलिसकर्मी जगह-जगह पर शराबबंदी कानून को सफल बनाएंगे. कानून को खराब करने वालों पर नकेल कसने का काम करेंगे.' तो वही सहायक आयुक्त मद्य निषेध विभाग पटना किशोर कुमार साह ने कहा कि- 'हम लोग लगातार शराबबंदी कानून को सफल बनाने में लगे हुए हैं, और यह दास्ता काफी कारगर साबित होगा.'. इस कार्यक्रम में पुलिस उपाधीक्षय यातायात अजय कुमार, नोडल पुलिस पदाधिकारी मद्य निषेध अनिल शर्मा, नोडल पदाधिकारी सह वरीय उप समाहर्ता कुमारिल सत्यानन्दन और सहायक आयुक्त मद्य निषेध पटना किशोर कुमार साह शामिल हुए.

2016 सेबिहार में है शराबबंदी:आपको बता दें कि बिहार में 2016 से ही शराबबंदी कानून लागू है. लेकिन राज्य में शराब कभी बंद नहीं हुई. जहरीली शराब से मौत के मामले भी बढ़ने लगे. इसकी सफलता को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे. विपक्ष से लेकर सत्ता पार्टी के लोग और सुप्रीम कोर्ट तक ने इस कानून में कई कमियां निकालीं. जिसे बाद चौतरफा विरोध को देखते हुए बीते बुधवार को ही बिहार विधानसभा मेंसंशोधन विधेयक 2022 के तहत शराबबंदी कानून में कुछ संशोधन किए गए.

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