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इतिहास को सहेजने के जुनून ने आमरीन को दिलाई अलग पहचान - ईटीवी न्यूज

कभी-कभी आपका जुनून भी आपको अलग पहचान दिला देता है. इतिहास को सहेजने के जुनून ने आमरीन को विशेष पहचान दिलाई है. वे सिर्फ ऐतिहासिक वस्तुओं को सहेजती ही नहीं हैं बल्कि उसके बारे में लोगों को बताना भी उन्हें काफी अच्छा लगता है.

Amreen
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Published : Nov 21, 2021, 7:27 AM IST

Updated : Nov 21, 2021, 12:25 PM IST

पटना:बिहार (Bihar) ऐतिहासिक रूप से काफी समृद्ध प्रदेश है. यहां ऐतिहासिक धरोहरों (Historic Monuments) की भरमार हैं. अलग-अलग संग्रहालयों (Museums) में धरोहर को संजोकर रखा गया है. इसके साथ ही कई ऐसे लोग भी हैं जो जिनमें इतिहास को सहेजने और संजोने का जुनून होता है. यही जुनून उन्हें औरों से अलग पहचान दिलाता है. आज हम आपको एक ऐसी ही शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं. वह व्यक्तिगत तौर ऐतिहासिक वस्तुओं को संरक्षित कर रही हैं.

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उत्तर प्रदेश के लखनऊ से आयीं आमरीन (Amreen) की पहचान उनका शौक है. आमरीन को ऐतिहासिक वस्तुओं से काफी लगाव है. अपने लगाव के चलते आमरीन ने ऐतिहासिक वस्तुओं को इकट्ठा करना शुरू किया. उनके घर में सैकड़ों ऐसी वस्तएं हैं जो ऐतिहासिक महत्व के हैं. आमरीन के पास मुगल काल में उपयोग किए जाने वाले कई सारे सामान हैं जो उनके घर को अलग पहचान दिलाते हैं.

मुगल काल में उपयोग में लाया जाने वाला सैकड़ों साल पुराना पानदान आज भी उसी तरीके से सुरक्षित है. इसके अलावा मध्यकाल में लोगों की जीवन शैली कैसी थी, कौन-कौन सी चीजें में उपयोग में लायी जाती थीं, आमरीन के आवास में रखी वस्तुओं को देखकर देखा-समझा जा सकता है. मुगल काल में उच्च तकनीक के सहारे मैटेलिक बर्तनों का निर्माण किया जाता था. मुगल काल के मुहर और सिक्के भी आज उसी रूप में संरक्षित हैं.

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आमरीन के पास संरक्षित पानदान पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रहा है. इतिहास को सहेजना ही नहीं, बल्कि उसके बारे में लोगों को बताना भी आमरीन को काफी अच्छा लगता है. वे इतिहास से लोगों को रूबरू कराती हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान आमरीन ने कहा कि ऐतिहासिक वस्तुओं को एकत्रित करने में मेरी दिलचस्पी है. मैं कई वर्षों से ऐतिहासिक वस्तुओं को एकत्रित कर रही हूं. मुगल काल के बर्तन, पानदान, दीपक, सिक्के और मुहर हमारे पास हैं. जो भी हमारे आवास पर आते हैं, उन्हें हम ऐतिहासिक वस्तुओं और उनके महत्व को बताते हैं. इन वस्तुओं से हमें अपनी संस्कृति के बारे में जानने का मौका मिलता है.

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Last Updated : Nov 21, 2021, 12:25 PM IST

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