पटना: बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी अपने विवादित बयान (Jitan Ram Manjhi Controversy) को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं. मांझी ने एक सभा में ब्राह्मणों को लेकर अपशब्द कह दिया. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. इस पर जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव (National President of JAP Pappu Yadav) ने कहा है कि जीतन राम मांझी को किसी भी धर्म और भाषा पर हमला नहीं करना चाहिए. हम राजनीति में अपना कद बढ़ाने के लिए किसी जाति को कमजोर नहीं कर सकते. किसी भी जाति को गाली नहीं दे सकते.
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बता दें कि रविवार को जन अधिकार पार्टी की राज्य कार्यकारिणी बैठक के दौरान जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने पार्टी को मजबूती करने की रणनीति पर बात की. उन्होंने कहा है कि 2024 का लोकसभा और 2025 का विधानसभा चुनाव बिहार की दिशा और दशा तय करेगा. जन अधिकार पार्टी अपने समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ गठबंधन या विलय अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के राय के साथ करेगी.
बैठक के दौरान पप्पू यादव ने कहा कि आज देश के हालात अच्छे नहीं हैं. किसान से लेकर नौजवान तक सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं. भाजपा और संघ के लोग देशवासियों को जाति और धर्म के आधार पर राजनीति करने में जुटे हुए हैं. उनके खिलाफ जन अधिकार पार्टी के सभी कार्यकर्ता और नेता बिहार में बदलाव की लड़ाई लड़ रहे हैं. बिहार में बदलाव की एक बड़ी लड़ाई शुरू की गई है. आने वाले दिनों में इसी लड़ाई को और मजबूती देने के लिए एक बड़े दल से बातचीत चल रही है. बातचीत के बाद पार्टी को कांग्रेस के नेतृत्व में देश का एक महत्वपूर्ण विपक्ष तैयार करने में जन अधिकार पार्टी भी कांग्रेस का समर्थन करेगा.
वहीं जीतन राम मांझी के जाति पर दिए गए विवादित बयान मामले को लेकर पप्पू यादव ने जीतन राम मांझी के बयान पर बोलते हुए कहा है कि, 'किसी भी जाति और धर्म और भाषा पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. हम राजनीति के लिए किसी भी जाति को कमजोर नहीं कर सकते और उसे गाली भी नहीं दे सकते. सियासत और सत्ता के लिए इस तरह के बयान राजनीतिक दल के नेताओं को देना ठीक नहीं है. हमारा संविधान भी इस तरह के बयान को स्वीकार नहीं करता.'
जानकारी दें कि जीतन राम मांझी की चर्चा खुले मंच से ब्राह्मणों को गाली देने (Jitan Ram Manjhi Abused Brahmins) को लेकर है. मांझी ब्राह्मणों के लिए भद्दी गाली का इस्तेमाल करते हुए सनातनी आस्था को भी ठेस पहुंचाई है. हालांकि, बाद में इसके लिए उन्होंने माफी (Manjhi Apologizes After Abusing Brahmin) मांगी है.