पटना:स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर सरकार बहुत बड़ी लूट मचा रही है. आए दिन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के टेंडर को कैंसिल कर दिया जाता है. सरकार अपने मनपसंद कंपनी को स्मार्ट सिटी का टेंडर देने के लिए इस तरह का कार्य कर रही है.
अधिकारी लगा रहे प्रोजेक्ट में रोक
एक तरफ पटना को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए लगातार काम चल रहा है. वहीं, दूसरी तरफ बड़े प्रोजेक्ट में एक अधिकारी दूसरे अधिकारी के काम को गलत बताकर रोक लगा दे रहे हैं. नए कमिश्नर आनंद किशोर स्मार्ट सिटी के प्रभार में आने के बाद पुराने कमिश्नर अनूप कुमार सुमन के प्रोजेक्ट को कैंसिल करके फिर से रिटेंडर करने की बात कर रहे हैं. इसी को लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है.
स्मार्ट सिटी को लेकर विपक्ष का हमला पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने जताई लूट की आशंका
पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भारी लूट होने की संभावना जताई है. उन्होंने कहा है कि स्मार्ट सिटी के काम को लेकर शहर में गरीबों को तंग किया जा रहा है. पटना जंक्शन के पास से बकरी मार्केट और दूध मार्केट को एकाएक हटा दिया गया. दुकानदारों को कोई विकल्प नहीं दिया गया. ऐसा लग रहा है कि इस प्रोजेक्ट में भारी लूट होने वाली है.
विपक्ष का हमला
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि सरकार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की आड़ में बहुत बड़ा घोटाला करने के फिराक में है. केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही अपने मनपसंद कंपनी के जरिए स्मार्ट सिटी के कार्य को कराना चाहती है. इसलिए यह प्रोजेक्ट बार-बार कैंसिल हो जा रहा है.
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर वहीं, आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा कि सरकार और प्रोजेक्ट के ठेकेदारों के बीच स्मार्ट सिटी को लेकर शायद सही से डील नहीं हो पा रहा है, जिस कारण टेंडर बार-बार कैंसिल कर दिया जा रहा है.
विपक्ष को जदयू का जवाब
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि किसी भी टेंडर की एक प्रक्रिया होती है. किसी भी टेंडर के निकलने और रद्द करने के बीच कई चीजों पर पुनर्विचार किया जाता है. वहीं, गरीबों को उजाड़ने की बात को लेकर उन्होंने कहा कि अतिक्रमण का आदेश हाई कोर्ट से मिला है. इसी के तहत सरकार और प्रशासन अपना काम कर रहा है. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इस तरह के आरोप लगा रहे हैं.
जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद गौरतलब है कि अतिक्रमण हटाने के समय दुकानदारों को बोला गया था कि 2 साल के अंदर में उनलोगों को दुकान मुहैया करा दिया जाएगा. अब देखना ये है कि टेंडर कैंसिल होने के खेल में दुकान या मॉल बनाने की शुरुआत कब होती है.