पटना:बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सत्ता संभालने के एक साल बाद ही यानी 2006 में बाजार समिति को भंग कर एपीएमसी कानून (APMC Laws in Bihar) लागू किया गया था, लेकिन आज तक बाजार समिति के स्थान पर किसी तरह की कोई नई व्यवस्था नहीं की गई है. केंद्र में जब कृषि कानून लागू किया गया तो नीतीश कुमार ने उसका समर्थन किया था. उन्होंने यहां तक कहा था कि बिहार में तो पहले से लागू है. अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानून को वापस (Farm Laws Repealed) लेने की घोषणा की है तो सीएम कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं. वे ना तो विरोध कर पा रहे हैं और ना ही समर्थन कर पा रहे हैं.
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सीएम नीतीश कुमार के साथ-साथ जेडीयू (JDU) के तमाम नेताओं ने भी पूरी तरह से चुप्पी साध ली है. इसी बहाने बिहार की विपक्षी पार्टियों को उन पर हमला करने का मौका मिल गया है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) तीनों कृषि कानून को लगातार काला कानून बताते रहे हैं, लेकिन उस समय तो नीतीश कुमार समर्थन में थे. अब प्रधानमंत्री ने कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा की है तो उन्हें बताना चाहिए कि समर्थन में हैं या विरोध में. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर का भी कहना है कि नीतीश कुमार का बयान हास्यास्पद है.