पटना:बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) ही केवल बड़ा मामला नहीं है, बल्कि इसकी वजह से पैदा हुआ भ्रष्टाचार और कई अन्य मामलों में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामले (Corruption in Bihar) सरकार की पोल खोल रहे हैं लेकिन इन सबसे बड़ी बात यह है कि बड़े मामले सामने आने के बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई से सरकार बच रही है. खास बात ये है कि सरकार की पोल खोलने में खुद एनडीए के नेता ही लगे हुए हैं. विधानसभा में बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने दरभंगा के इंजीनियर के पास से 68 लाख रुपए कैश बरामद होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर सवाल खड़ा किया तो मंत्री जवाब तक नहीं दे सके.
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वहीं, बालू के अवैध उत्खनन को लेकर सरकार कार्रवाई का दावा कर रही है. कई अधिकारियों के यहां छापेमारी में कैश बरामद हुए और जमीन और अन्य संपत्तियों में भारी भरकम निवेश का भी खुलासा हुआ, लेकिन मजे की बात यह कि अब तक बालू का अवैध उत्खनन नहीं रुक सका है. इधर एक मंत्री के आप्त सचिव के पास से लाखों रुपए बरामद हुए और सोने के बिस्किट भी मिले हैं.
यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार (Corruption in University) के मामले ने तो हायर एजुकेशन के पूरे सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. एक वीसी के यहां से एक करोड़ से ज्यादा की कैश बरामद हुए, लेकिन उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उस विषय को लेकर अब रजिस्ट्रार शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें धमकी मिल रही है. इधर पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी, पूर्णिया यूनिवर्सिटी, जेपी यूनिवर्सिटी और कई अन्य यूनिवर्सिटी में वित्तीय गड़बड़ी के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन उन्हें लेकर भी कोई बड़ी कार्रवाई अब तक नहीं हुई है.
बिहार में शराबबंदी की वजह से एक तरफ सरकार अपराध और दुर्घटना में कमी होने का दावा करती है, लेकिन दूसरी तरफ अवैध शराब की बिक्री और सप्लाई का पूरा नेटवर्क बिहार में चल रहा है. आए दिन शराब की बड़ी खेप अलग-अलग जगह पर पकड़ी जा रही है, जिसे लेकर विपक्ष निशाने साध रहा है.
विपक्ष का यह भी दावा है कि 20 हजार करोड़ से ज्यादा की समानांतर अर्थव्यवस्था शराब माफिया चला रहे हैं और इसमें बड़ी भूमिका एनडीए नेताओं की है. आरजेडी नेता एजाज अहमद कहते हैं कि सिर्फ शराबबंदी नहीं बल्कि बालू के नाम पर और हायर एजुकेशन के नाम पर जिस तरह का भ्रष्टाचार बिहार में चल रहा है, वह सबके सामने है. सरकार इसमें खुद शामिल है. इसलिए किसी भी मामले की तह तक जांच नहीं हो रही. आरजेडी नेता ने दावा किया कि बिहार में 76 तरह के घोटाले हुए हैं और इन सब की जांच जरूरी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) अपनी यूएसपी का बंटाधार कर चुके हैं.