पटना: 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Complete Liquor Ban in Bihar) है. शराबबंदी को लेकर अब विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने है. विपक्ष लगातार नीतीश सरकार (Nitish Government) पर आरोप लगाता रहा है कि यह पूरी तरह से फेल है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने समीक्षा बैठक की थी और उसके बाद से पुलिस एक्शन में है. पुलिस के रवैये पर भी विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है.
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"बड़े अधिकारियों पर नीतीश कुमार कभी कार्रवाई नहीं करते हैं. शराब मामले में गरीब लोग ही पकड़े जा रहे हैं और पूर्ण शराबबंदी सही ढंग से लागू नहीं होने के कारण 20 हजार करोड़ की पैरलल इकोनॉमी खड़ी हो गई है. हम लोग दो तरह की बात नहीं कर रहे हैं. नशा मुक्त होना चाहिए, लेकिन यदि शराबबंदी सही ढंग से नहीं कर सकते हैं तो इसे वापस ले लें''- उदय नारायण चौधरी, वरिष्ठ नेता, आरजेडी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी की समीक्षा की थी और पौने 6 साल में पहली बार मुख्यमंत्री ने विस्तृत समीक्षा की है. मुख्यमंत्री की समीक्षा के बाद पुलिस एक्शन में है और शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई कर हो रही है. करीब 100 लोगों की गिरफ्तारी 2 दिनों में हुई है. बड़े पैमाने पर शराब की देसी भट्ठियों को तोड़ा गया है. छापेमारी में हर तरह के लोग पकड़े जा रहे हैं. आरजेडी की तरफ से शराबबंदी पर लगातार निशाना साधा जा रहा है. वहीं, जेडीयू का साफ कहना है कि आरजेडी के लोग दो तरह की बात कर रहे हैं, ओछी राजनीति करने से बचें.
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