पटनाःआरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat)ने विजयादशमी उत्सव के मौके पर नागपुर के रेशमीबाग में संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. मोहन भागवत ने कहा कि भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में आर्थिक तथा विकास नीति रोजगार उन्मुख हो यह अपेक्षा स्वाभाविक ही कही जाएगी. लेकिन रोजगार यानि केवल नौकरी नहीं यह समझदारी समाज में भी बढ़ानी पड़ेगी. कोई काम प्रतिष्ठा में छोटा या हल्का नहीं है, परिश्रम, पूंजी तथा बौद्धिक श्रम सभी का महत्व समान है. उद्यमिता की ओर जाने वाली प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन देना होगा. स्टार्टअप इसमें अहम भूमिका निभा रहा है. इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है.
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"रोजगार मतलब नौकरी और नौकरी के पीछे ही भागेंगे और वह भी सराकरी. अगर ऐसे सब लोग दौड़ेंगे तो नौकरी कितनी दे सकते हैं? किसी भी समाज में सराकरी और प्राइवेट मिलाकर ज्यादा से ज्यादा 10, 20, 30 प्रतिशत नौकरी होती है. बाकी सब को अपना काम करना पड़ता है"- मोहन भागवत, RSS प्रमुख
आरएसएस और केंद्र सरकार काे आड़े हाथों लियाः मोहन भागवत के इस बयान पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आरएसएस और केंद्र सरकार दोनों काे आड़े हाथों लिया है. लालू प्रसाद ने मोहन भागवत को रिट्वीट (Lalu Prasad retweet on Mohan Bhagwat tweet ) करते हुए RSS को झूठ का पाठशाला बताया. वहीं चुनाव के समय नरेंद्र मोदी के नौकरी देने के वादे पर तंज कसते हुए उन्होंने लिखा है कि इसी स्कूल से निकले विद्यार्थी सालाना 2 करोड़ नौकरी प्रतिवर्ष देने का वादा कर वोट बटोरते हैं. मोहन भागवत काे अपने संबोधन सरकारी नौकरी के पीछे युवाओं को नहीं भागने की सलाह देने की जरूरत क्यों पड़ी इसे भी बताया.
"RSS की ठग विद्या से प्रशिक्षित एवं संघ की महाझूठी, महाकपटी पाठशाला से निकले जुमलेबाज विद्यार्थी ही सालाना 2 करोड़ नौकरी प्रतिवर्ष देने का वादा कर वोट बटोरते है? जब जब RSS-BJP अपनी ही बेफिजूल की बातों में फँसती है तो नफ़रत फैलाने वाले सज्जन बिन मांगा ज्ञान बांटने चले आते हैं".-लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री
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दशहरे के दिन ही संघ की स्थापना हुई थीः बता दें कि 1925 में दशहरे के दिन ही नागपुर में संघ की स्थापना हुई थी. डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी. इस दिन देश भर में संघ पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन करता है. संघ के 97 साल के इतिहास में पहली बार कोई महिला इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई हैं. इससे पहले पुरुष ही इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होते आए हैं. लेकिन संघ ने इस बार इस परिपाटी को बदल दिया है. मोहन भागवत के साथ संतोष यादव भी शस्त्र पूजन कार्यक्रम में शामिल रहीं.