पटना:कोरोना के नए म्युटेंट ओमीक्रोन के दस्तक देने के बाद बिहार में एक बार फिर से बच्चों का वैक्सीनेशन (Vaccination of Children) शुरू करने की चर्चाएं बढ़ गई हैं. सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय में बच्चों के वैक्सीनेशन शुरू करने को लेकर एक बैठक भी हुई है.
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बिहार स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) के सूत्रों के मुताबिक देशभर में शुरुआती चरण में 7 राज्यों में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होने वाला है, जिसमें बिहार भी एक राज्य है. ऐसे में बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर तैयारियों की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बच्चों को दी जाने वाली वैक्सीन को लेकर वैक्सीनेटर को ट्रेनिंग दी जा रही है.
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर जिलों को कोई विशेष निर्देश नहीं दिए गए हैं. लेकिन, प्रदेश में जल्द ही 18 प्लस लोगों को एक और नई कंपनी की वैक्सीनेशन का चॉइस उपलब्ध होगा. खास बात यह है कि यह वैक्सीन भी कोविशिल्ड और कोवैक्सीन की तर्ज पर सरकारी केंद्रों पर पड़ेगा और पूरी तरह निशुल्क होगा.
''राजधानी पटना में बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर तैयारी संबंधित कोई भी पत्र स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नहीं आया है. अगर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई दिशा निर्देश आता है तो उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी.''-डॉ. विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना
बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए जाइकोव-डी वैक्सीन के वैक्सीनेशन की बात चल रही है. हालांकि, बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर अभी कोई दिशा-निर्देश नहीं आया है. अभी शुरुआती दिनों में जाइकोव-डी वैक्सीन का वैक्सीनेशन प्रदेश में 18 प्लस वाले लोगों के लिए होगा. बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर आगे जो भी दिशा निर्देश आएगा, उस अनुरूप बच्चों को इसे दिया जाएगा.''-डॉ.एसपी विनायक, पटना जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी
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डॉक्टर एसपी विनायक ने बताया कि प्रदेश में अब 18 प्लस लोगों के लिए चार वैक्सीन का चॉइस मिल जाएगा. अभी पहले से 3 चल रहे हैं कोविशिल्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक जिसमें स्पूतनिक के लिए लोगों को चार्ज देना पड़ता है और यह सरकारी केंद्रों पर उपलब्ध नहीं है. जबकि जाइकोव-डी वैक्सीन का वैक्सीनेशन सरकारी स्तर पर सरकारी केंद्रों पर होगा और यह पूर्व से सरकारी केंद्रों पर चल रही दोनों वैक्सीन की तरह निशुल्क होगा.
उन्होंने बताया कि जाइकोव-डी वैक्सीन डीएनए बेस्ड वैक्सीन है. यह भी स्वदेशी वैक्सीन है और यह वैक्सीन डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के साथ साझीदारी कर विकसित किया गया है और इसकी खासियत यह है कि यह 3 महीने तक भी रूम टेंपरेचर में स्थिर रह सकता है और इसके स्टोरेज में विशेष परेशानी नहीं है. ऐसे में इसके डोज के बर्बाद होने की भी संभावना काफी कम है. इस वैक्सीन का लोगों को 3 डोज लेना होगा. जिसमें पहला डोज लेने के 28 दिन बाद दूसरा और 56 दिन बाद तीसरा डोज लेना होगा.
डॉक्टर एसपी विनायक ने बताया कि जाइकोव-डी वैक्सीन की सबसे बड़ी खासियत है कि इसका वैक्सीनेशन नीडल फ्री इंजेक्शन से होगा. इसके वैक्सीनेशन के लिए एक विशेष वैक्सीनेटेर मशीन है और इसका इंजेक्शन इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन ना होकर इंट्राडर्मल इंजेक्शन होगा. इंजेक्टर मशीन को स्किन पर पुश करने से ही स्किन में वैक्सीन का डोज पहुंच जाएगा और लोगों को जरा भी दर्द महसूस नहीं होगा. उन्होंने बताया कि क्योंकि यह तकनीक अभी नहीं है ऐसे में वैक्सीनेटर को ट्रेनिंग दी जा रही है और जब ट्रेनिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, उसके बाद ही वैक्सीन का डोज मंगाया जाएगा.
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