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पटना: राम कृष्णा नगर थाना की नई पहल, राहगीरों-दिहाड़ी मजदूरों को खिला रहे खाना - New initiative of Ram Krishna Nagar police station

थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यह पहल बेहद जरूरी है.ये मजदूर दिनभर में 400-500 रुपये कमाते थे. उससे उनका परिवार चलता था. काम नहीं होने के कारण उनके घरों का चूल्हा जलना भी बंद हो गया है. स्थानीय सामाजिक लोगों के साथ मिलकर यह पहल लॉक डाउन रहने तक चलती रहेगी.

New initiative of Ram Krishna Nagar police station
New initiative of Ram Krishna Nagar police station

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Published : Apr 2, 2020, 11:45 PM IST

पटना: देश भर में 21 दिनों का लॉक डाउन जारी है. इस लॉक डाउन से दिहाड़ी मजदूर के साथ उनके परिवारों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ॉ है. इस बीच उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि दो वक्त का खाना जुटाने में भी उन्हें काफी समस्या हो रही है. इन सबके बीच राजधानी के राम कृष्णा नगर थाना प्रभारी ने इंसानियत की मिसाल पेश की है. उन्होंने अपने थाना क्षेत्र में खाना बनवाना शुरू किया. बना हुआ खाना पैक करवा कर वो यात्रियों, राहगीरों और दिहाड़ी मजदूर और उनके परिवारों को सोशल डिस्टेंसटिंग का ध्यान रखते हुए पंगत में खाना खिलाते है.

राम कृष्णा नगर थाना प्रभारी ने बनवाया दिहाड़ी मजदूरों के लिए खाना
पटना के राम कृष्णा नगर थाना क्षेत्र के एक तरफ हाईवे है. ये हाईवे सीधे दिल्ली से होकर पटना होते हुए मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, लखीसराय से लेकर जमुई, भागलपुर तक को जोड़ती है. दूसरी तरफ बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, पूर्णिया और मधेपुरा को जोड़ता है. इस हाईवे से काफी संख्या में लोग गुजरते हैं. लॉक डाउन की वजह से उन्हें खाने-पीने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी कड़ी में पटना के राम कृष्णा नगर थाना प्रभारी ने पहल करते हुए अपने ही थाना क्षेत्र में खाना बनवाना शुरू किया और उसे पैक करवा कर चलने वाले यात्रियों को और दिहाड़ी मजदूर और उनके परिवारों को खिलाने की व्यवस्था शुरु की.

सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए खिलाया जा रहा खाना

लॉक डाउन रहने तक चलती रहेगी मुहिम
थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यह पहल बेहद जरूरी है.ये मजदूर दिनभर में 400-500 रुपये कमाते थे. उससे उनका परिवार चलता था. काम नहीं होने के कारण उनके घरों का चूल्हा जलना भी बंद हो गया है. बाहर से पैदल चलकर इस रास्ते मुंगेर, भागलपुर, सहरसा, बेगूसराय जाने वाले यात्रियों को भी काफी दिक्कतें होती थी. उन्हें भी पैक कर हम दोपहर और रात में खिलाने का काम कर रहे हैं. स्थानीय सामाजिक लोगों के साथ मिलकर यह पहल लॉक डाउन रहने तक चलती रहेगी.

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