पटना: इसी साल राष्ट्रपति पद के लिए जुलाई-अगस्त में चुनाव होना है. ऐसे में विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार की सुगबुगाहट तेज हो गई है. बीजेपी विरोधी राजनीति कर रहे तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने राष्ट्रपति चुनाव पर गैर भाजपाई और गैर कांग्रेसी दलों को एक मंच पर लाने की पहल तेज कर दी है.
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दरअसल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekhar Rao And Nitish Kumar) ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. साथ ही तेलंगाना के सीएम एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से भी मिले. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की बातचीत में नीतीश कुमार को विपक्षी खेमे की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार (Nitish Kumar Opposition Presidential Candidate) बनाए जाने की वकालत की गई थी.
क्या बोले NCP नेता नवाब मलिक?: इस पर, महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने मंगलवार को कहा कि देश के अगले राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार पर कोई भी फैसला विभिन्न दलों के नेताओं द्वारा सामूहिक रूप से लिया जाएगा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर तभी विचार किया जा सकता है जब उनकी पार्टी जेडीयू, बीजेपी के साथ संबंध तोड़ती है.
''इस पर तब तक चर्चा नहीं हो सकती जब तक वह (नीतीश कुमार) बीजेपी से नाता तोड़ लें. पहले उन्हें बीजेपी से नाता तोड़ लेना चाहिए और उसके बाद ही विचार किया जा सकता है. विपक्ष दलों के नेता फिर एक साथ बैठेंगे और इसके बारे में सोचेंगे. जेडीयू वर्तमान में बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन में है.'' - नवाब मलिक, महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी प्रवक्ता
राष्ट्रपति चुनाव के लिए नीतीश होंगे विपक्ष के उम्मीदवार?: इससे पहले सियासी गलियारों में यह चर्चा थी कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति का चुनाव लड़ेंगे? क्या प्रशांत किशोर से मुलाकात के पीछे असली वजह राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी है? हालांकि इस खबर के 24 घंटे के अंदर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर बोले CM नीतीश: मुख्यमंत्री ने इस खबर को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा तो कभी मेरे दिमाग मे भी नहीं आया है. उन्होंने कहा कि वे इसके बारे में सोचते भी नहीं. पता नहीं लोग क्या- क्या करते रहते हैं, कुछ भी बोलते रहते हैं मुझे इसकी जानकारी नहीं है.
क्या बोले जीतन राम मांझी: वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि कोई भी बड़ा पद हो, नीतीश कुमार उसके लायक हैं. लेकिन उनको राष्ट्रपति बनाया जाए या ना बनाया जाए ये तो समय आएगा तो देखा जाएगा. नीतीश कुमार को समर्थन देने के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा कि हम उनके साथ सरकार में हैं. समर्थन कर रहे हैं. मेरी तरफ से पूरा समर्थन रहेगा.
बीजेपी की प्रतिक्रिया: बिहार में जेडीयू की सहयोगी बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि अभी तो मुझे ऐसी जानकारी नहीं मिली है. अभी हमारे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी हैं. आगे के लिए हमारा शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि कौन राष्ट्रपति का उम्मीदवार होगा.
जेडीयू ने दिया ये जवाब: जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि कैसे नीतीश कुमार के नाम की चर्चा हो रही है, मुझे नहीं पता है. कैसे इन खबरों को स्पेस दिया जा रहा है, इसकी भी मुझे कोई जानकारी नहीं है. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि ना तो अभी राष्ट्रपति चुनाव के लिए सूचना जारी हुई है और ना ही चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की कोई बैठक हुई है. ऐसे में इन सवालों का कोई मतलब नहीं है. नीरज कुमार ने कहा कि जनता ने 2025 तक मैंडेट दिया है. नीतीश कुमार बिहारी प्राइड के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में शिगूफा कहां से उठ गया है?
क्या बोले तेजप्रताप यादव: नीतीश कुमार पर तो सीताराम सिंह की हत्या का गंभीर आरोप है. ऐसे में कोई हत्यारा तो राष्ट्रपति के योग्य नहीं हो सकता है. क्या वैसे आदमी को अच्छा लगेगा राष्ट्रपति बनना? जहां तक चर्चा की बात है तो उनको जो बनना हो बनें लेकिन पहले उनको जो जिम्मेदारी मिली हुई है, उसे तो ईमानदारी से निभाएं. बिहार में बड़ी संख्या में नौजवान बेरोजगार है. ऐसे में पहले उनको बिहार को ठीक तरीके से चलाना चाहिए.
चिराग की एलजेपीआर की प्रतिक्रिया : लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रवक्ता चंदन सिंह ने कहा कि यह हम लोग पहले भी देख चुके हैं कि किस तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कसम खाई थी कि मिट्टी में मिल जाऊंगा भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं जाऊंगा, लेकिन 2020 बिहार विधानसभा के चुनाव के बाद फिर उसी बीजेपी के आशीर्वाद से वो मुख्यमंत्री बने हैं. अब फिर से वो बीजेपी को धोखा देने के लिए तैयार हैं.
इस खबर से शुरू हुई थी चर्चा: बिहार के सीएम नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे के दौरान राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नई चर्चा शुरू हो गई थी. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा था कि प्रशांत किशोर देश की प्रमुख विपक्षी पार्टियां को साथ लेकर राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी दल राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने की सोच रहे हैं. प्रशांत किशोर के नीतीश कुमार से नई दिल्ली में मुलाकात के बाद ऐसी चर्चाओं को हवा दिया जाने लगा था.
KCR-Pk मुलाकात : दरअसल, प्रशांत किशोर ने इसी महीने तेलंगाना के सीएम केसीआर से मुलाकात की थी. इसके बाद प्रशांत किशोर ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से भी मुलाकात की. तब से माना जा रहा है कि उन्हें (नीतीश कुमार) विपक्ष का उम्मीदवार बनाने के लिए कवायद शुरू हो गई है.
.. तो नीतीश को इनका समर्थन: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दावा यह भी किया जा रहा है कि प्रशांत किशोर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी नेता शरद पवार से भी इस मुद्दे पर मुलाकात कर चुके हैं और उनका समर्थन ले चुके हैं और अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा से भी बातचीत हो रही हैं. खबर यह भी है कि बिहार में तेजस्वी यादव से भी इस बाबत पीके की मुलाकात हो चुकी है.
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क्या यूपी चुनाव के बाद BJP से अलग होंगे नीतीश?: हालांकि, मीडिया रिपोटर्स की माने तो खबर ये भी है कि यूपी चुनाव के बाद नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो सकते है, या यूं कहे बीजेपी का साथ छोड़ सकते है. इस खबर की चर्चा के पीछे बड़ी वजह पिछे कुछ दिनों से नीतीश की पार्टी और बीजेपी में कई मुद्दों पर टकराव है. चाहे जातीय जनगणना का मुद्दा हो या फिर विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा. एनडीए के भीतर संघर्ष का ये दौर बिहार में काफी दिनों से शुरू हो चुका है. इसी के साथ, कई और ऐसे मुद्दे हैं, जिनको लेकर बीजेपी और जेडीयू आमने सामने होकर दो-दो हाथ करने लगे हैं.
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