पटना: भाकपा माओवादियों के दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमेटी के कमांडर महाराज प्रमाणिक ने रांची पुलिस के सामने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया. प्रमाणिक काफी दिनों से पुलिस के संपर्क में था. आईजी अभियान और आईजी रांची के सामने महाराज ने एके-47 के साथ सरेंडर किया ( Naxalite Commander Maharaj Pramanik). भाकपा माओवादी संगठन में पतिराम मांझी को सेंट्रल कमेटी बनाकर सारंडा इलाके का प्रभार दिए जाने के बाद से ही माओवादी संगठन में आदिवासी नेताओं के बीच नाराजगी उत्पन्न हो गई थी. जिसके बाद महाराज ने संगठन का साथ छोड़ दिया था. पुलिस मुख्यालय की तरफ से उसे सुरक्षा भी उपलब्ध कराई गई थी.
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महाराज प्रमाणिक शुक्रवार को रांंची में एडीजी और एसएसबी के सामने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गया. करीब सवा सौ से अधिक मामलों में वांंछित महाराज के आत्मसमर्पण से झारखंड पुलिस ने न सिर्फ राहत की सांस ली है, बल्कि नक्सलियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में देख रही है. 10 लाख का इनामी और एमसीसीआई (माओवादी) के झारखंड क्षेत्रीय कमेटी के महाराज ने सरकार की आत्मसमर्पण नीति 'नई दिशा' के तहत सरेंडर किया है. महाराज प्रमाणिक को सरेंडर करा समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के प्रति, एस.एस.बी.26 वाहिनी रांची की सराहनीय भूमिका रही है.
महाराज प्रमाणिक की तलाश सरायकेला के कुकुरूहाट, लांजी समेत कई वारदातों में थी. 14 जून 2019 को महाराज प्रमाणिक के नेतृत्व में माओवादियों ने सरायकेला के कुकुरूहाट में पुलिस बलों पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. इस वाकये के अलावे मार्च 2021 में लांजी में आईइडी धमाके में भी तीन पुलिसकर्मियों को मारने का आरोप महाराज प्रमाणिक के दस्ते पर लगा था. महाराज प्रमाणिक की तलाश राज्य पुलिस के साथ-साथ एनआईए को भी थी. राज्य पुलिस ने महाराज पर दस लाख का इनाम रखा था.