पटना: राजधानी का नाम स्मार्ट सिटी बनने वाले शहरों में शामिल किया गया, तब ये माना जा रहा था कि अब पटना के दिन भी बहुरेंगे और शहर खूबसूरत बन जाएगा. इसको लेकर पटना नगर निगम ने पटना को सुंदर बनाने के लिए 9 बड़ी योजनाओं की शुरुआत भी की थी, लेकिन सालों बीतने के बाद भी नगर निगम की शुरू की गई नवरत्न योजना आज भी अधर में लटकी हुई है.
अधर में लटकी पटना को स्मार्ट सिटी बनाने वाली नगर निगम की नवरत्न योजना - स्मार्ट सिटी योजना
स्मार्ट सिटी योजना में बिहार के चार शहरों को चयनित किया गया था. लेकिन चारों शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की योजना का भविष्य अंधकार में है. अधिकारियों ने इस मामले पर कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार किया.
भविष्य के अंधकार में है स्मार्ट सिटी योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनते ही देश भर में 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटी योजना की शुरुआत की गई. इसका उद्देश्य था देश में सभी नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं देना. इसके तहत स्वच्छ और रोगमुक्त पर्यावरण में लोग अपनी जीवनशैली में सुधार ला सकें. स्मार्ट सिटी योजना में बिहार के चार शहरों को चयनित किया गया था. लेकिन चारों शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की योजना भविष्य के अंधकार में है.
निगम की नवरत्न योजना के तहत ये सभी काम अधूरे पड़े हैं:-
1. नालों पर सड़क निर्माण- पटना के मंदिरी और सैदपुर जैसे 9 बड़े नालों को ढंककर उस पर सड़क निर्माण की योजना थी, जिसपर अभी काम भी शुरू नहीं हो पाया है.
2. मॉड्यूलर टॉयलेट- 2 करोड़ की लागत से पटना में 200 से अधिक मॉड्यूलर टॉयलेट बनाए गए हैं, जिसमें या तो ताला लटका है या वो बदहाल स्थिति में हैं.
3. स्मार्ट डस्टबीन- लाखो रुपये खर्च करके पटना नगर निगम को स्मार्ट सिटी के तहत स्मार्ट डस्टबीन पूरे पटना में लगाना था, लेकिन ये काम भी पूरा नहीं हुआ, जिस इलाके में ये डस्टबीन लगे भी उसमें से अधिक खुद कचरा बने हैं.