बिहार

bihar

ETV Bharat / city

बिहार के लाखों बच्चे स्कूलों में पी रहे दूषित पानी, 70 फीसदी विद्यालयों में नहीं पहुंचा नल का जल - etv bharat bihar

बिहार के सीएम नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना अंतर्गत हर घर नल जल पहुंचाने का संकल्प लिया गया था. लेकिन आज भी 70 फीसदी सरकारी स्कूलों में नल का जल नहीं मिल पा रहा है. इस कारण लाखों बच्चे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

बिहार के स्कूलों में नहीं पहुंची नल का जल योजना
बिहार के स्कूलों में नहीं पहुंची नल का जल योजना

By

Published : Jan 7, 2022, 5:38 PM IST

पटनाः सीएम नीतीश कुमार का संकल्प था कि सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाया जाएगा. घर के साथ-साथ सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में भी नल का जल पहुंचाया जाना था. इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी शुद्ध जल की व्यवस्था करनी थी. लेकिन हर घर नल जल की घोषणा धरातल पर नहीं उतर सकी. बिहार के 70 फीसदी स्कूलों में नल का जल नहीं पहुंचा (Nal Jal Yojna Not Reached in Bihar Schools). जिससे लाखों बच्चों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें- जमीनी हकीकत: नल तो लगा है लेकिन जल नदारद, पानी सप्लाई नहीं होने से लोगों में गुस्सा

एक ओर जहां ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना अंतर्गत घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए वार्ड स्तर पर जल मीनार का निर्माण कराया जा रहा है. तो दूसरी तरफ सात निश्चय योजना के अन्तर्गत हर घर नल जल योजना के साथ-साथ प्राइमरी और मिडिल स्कूलों यानी कि सरकारी स्कूल को शामिल किया गया था. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के 70 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में आज तक नल जल योजना नहीं पहुंच पायी है.

बिहार के स्कूलों में नहीं पहुंची नल का जल योजना

ईटीवी भारत की टीम ने मुख्यमंत्री आवास से महज 5 किलोमीटर दूर कमला नेहरू प्राथमिक विद्यालय का जायजा लिया. पाया गया कि विद्यालय का भवन तो काफी सुंदर है, लेकिन पीने के लिए पानी नहीं है. लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री ने सात निश्चय योजना के तहत नल जल योजना की शुरुआत की थी. ताकि लोगों को शुद्ध पानी नसीब हो सके, लेकिन लापरवाही के कारण बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ठीक तरीके से धरातल पर नहीं उतर सकी.

बता दें कि कई जिलों के कई स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पीएचईडी द्वारा लगाए गए चापाकल भी खराब पड़े हुए है. नल जल का हाल ये है कि ज्यादातर घरों तक नल ही नहीं पहुंचा है. नल पहुंचा है तो उसमें जल नहीं है. इस मामले को लेकर हमने पीएचईडी विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान से फोन के माध्यम से बात की. उन्होंने कहा कि, 'सात निश्चय योजना पार्ट 2 की शुरुआत हुई है. जिस भी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र में अभी तक नल का जल नहीं पहुंच पाया है, वहां प्राथमिकता के तौर पर पार्ट 2 के अंतर्गत बहुत जल्द पहुंचा दिया जाएगा. बिहार के सभी ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए विभाग कटिबद्ध है. लगभग 90 से 95 फीसदी घरों में शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है.'

बता दें कि नल जल योजना की शुरुआत 2016 में शुरू हुई थी. आज 5 साल बीत जाने के बाद भी बिहार के अधिकांश जिलों के सरकारी स्कूलों में शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच पाया है. पीएचईडी विभाग और पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम किया जाता है. ऐसे में अब सात निश्चय योजना पार्ट 2 की शुरुआत की गई है. लेकिन अभी भी सरकार के वादों के मुताबिक सरकारी स्कूल शुद्ध पेयजल से वंचित नजर आ रहे हैं. इससे आक्रोशित लोग नल जल योजना में गड़बड़ी को लेकर हमेशा सड़क पर भी उतरने को मजबूर हो जाते हैं.

जानकारी दें कि नल जल योजना में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर e nishay एप्प को लांच किया गया है, जिस पर लोग शिकायत कर सकते हैं. कई लोग इस पर शिकायत भी करते हैं, लेकिन कुछ खास असर नहीं हुआ. लोगों ने कहा कि बिहार सरकार ने लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए हर घर नल जल योजना की शुरुआत की थी, लेकिन विभाग की सुस्ती के कारण यह योजना अधर में पड़ी हुई है. जहां काम हुआ है, वहां पानी नहीं आता है. नल का पाइप लगा है, लेकिन टोटी गायब है. नल जल में धांधली पर भी कई बार बवाल हो चुका है. ऐसे में अब सात निश्चय योजना पार्ट 2 की शुरुआत की गई है.

यह भी पढ़ें- जनता दरबार के बाहर अनशन पर बैठे 'कारगिल के योद्धा', पोस्टर लगाकर सरकार को दिया संदेश

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details