पटनाः बिहार के पटना में नाबार्ड द्वारा मंगलवार को होटल मौर्या में राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन (NABARD organized State Loan Seminar) किया गया, जिसमें राज्य फोकस पेपर 2022-23 का अनावरण किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन मौजूद थे. राज्य ऋण संगोष्ठी में राज्य फोकस पेपर जारी किया गया है. जिससे बिहार के 38 जिलों में 2022-23 के लिए 1,45,809 करोड़ की ऋण संभाव्यता का अनुमान है.
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'बिहार में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा है. राज्य में उत्पादन और उत्पादकता दोनों में वृद्धि हुई है. आज की बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण थी. हर जिले में हर वर्ष कृषि क्षेत्र में कितना क्रेडिट जाना चाहिए, नाबार्ड द्वारा पहले ही आकलन किया जाता है. 2022-23 के लिए कितना क्रेडिट फ्लो होना चाहिए, नाबार्ड के द्वारा यह भी आकलन किया गया है. सभी जिलों से किए गए आकलन को राज्य फोकस पेपर में सम्मिलित किया गया है.'-डॉ. सुनील कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और आरबीआई की प्राथमिकता नीतियों और योजनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य फोकस पेपर को रिलीज किया गया है. जो राज्य फोकस पेपर में ऋण प्रवाह का संकलन किया गया है, उसी आधार पर जिलों की बैंक अगले साल का ऋण योजना बनाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि एसपीओ किसान उत्पादक संगठन एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में उभर रहा है जो कि लघु और सीमांत किसानों की आय को बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है.
'नाबार्ड द्वारा राज्य फोकस पेपर 2022-23 रिलीज किया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार कृषि प्रधान राज्य है. कृषि ने बिहार में रोजगार के अवसर पैदा किए हैं. नए आधुनिकता के हिसाब से कृषि को बढ़ावा दिया जाए और मौसम के मार से किसानों को किस तरह से बचाया जाए, नाबार्ड के द्वारा कृषि के विकास में बहुत काम किया गया है. नाबार्ड द्वारा कृषि ही नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नबार्ड अहम भूमिका निभाई है. आने वाले दिनों में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए और कदम उठाएगी.'-तार किशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री