पटना:देश में 24 जुलाई के पहले अगले राष्ट्रपति की ताजपोशी होना है और राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीजेपी की एक्सरसाइज (BJP exercise for Presidential election) शुरू हो गई है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की है और राष्ट्रपति चुनाव पर भी दोनों नेताओं के बीच विमर्श हुआ है. दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव में एन फैक्टर प्रभावी होने वाला है. नीतीश कुमार और नवीन पटनायक गेम चेंजर की भूमिका में होंगे.
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गेम चेंजर होगा 'N' फैक्टर:नीतीश कुमार और नवीन पटनायक अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर देंगे तो एनडीए का उम्मीदवार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव जीत जाएगा. अगर ऐसा नहीं हो पाया तो बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है. बीजेपी को 11990 वोटों की दरकार होगी, वह भी तब जब नीतीश कुमार की पार्टी के 45000 वोट जुड़ जाते हैं. अगर नीतीश कुमार का रुख बीजेपी से अलग होता है तो वैसी स्थिति में बीजेपी की मुश्किलें राष्ट्रपति चुनाव में और भी बढ़ जाएगी.
नीतीश-नवीन की भूमिका अहम:नीतीश कुमार और नवीन पटनायक के बीच करीबी रिश्ते हैं और आने वाले दिनों में राष्ट्रपति चुनाव में दोनों नेताओं की भूमिका अहम होने वाली है. फिलहाल, दोनों नेताओं के एक ही सुर हैं. नीतीश कुमार की पार्टी के नेता जहां यह कह रहे हैं कि प्रत्याशी को देखने के बाद हम फैसला लेंगे. वहीं, नवीन पटनायक भी कमोबेश इसी सुर में बात कर रहे हैं.
बीजेपी को जेडीयू से समर्थन की उम्मीद:बिहार में जेडीयू बीजेपी की मुख्य सहयोगी पार्टी है और राष्ट्रपति चुनाव में जेडीयू की भूमिका भी अहम होने वाली है. इलेक्टोरल कॉलेज में जेडीयू के पास कुल 45000 के आसपास पॉइंट्स हैं. राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी की जीत हो इसके लिए नीतीश कुमार का समर्थन जरूरी है. हालांकि, पार्टी ने अभी यह तय नहीं किया है कि एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वह मतदान करेंगे. बीजेपी जेडीयू से समर्थन की उम्मीद जरूर लगाए बैठी है. बीजेपी को कुल मिलाकर 11990 वोटों की दरकार होगी. पार्टी की नजर नवीन पटनायक पर है, जिनके पास इलेक्टोरल कॉलेज में 36854 पॉइंट्स हैं.
राष्ट्रपति चुनाव का बिहार कनेक्शन:बिहार के राजनीतिक परिदृश्य समझने से पहले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अंकगणित (Bihar connection of presidential election) को भी समझना जरूरी है. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 10.9 लाख वोट अथवा पॉइंट हैं. देश में कुल 773 सांसद हैं जिनके पास 547284 पॉइंट्स हैं. प्रत्येक सांसद के वोट का वॉल्यूम 708 पॉइंट है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पक्ष में कुल 442 सांसद हैं और इनके कुल मिलाकर 312937 पॉइंट्स हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास 57.2 संसदीय इलेक्टोरल पॉइंट्स हैं. संसदीय इलेक्टोरल कॉलेज में एनडीए को तो बहुमत प्राप्त है, लेकिन राज्यों में स्थिति कमजोर दिख रही है.
एनडीए की राज्यों में स्थिति कमजोर: राज्यों में कुल मिलाकर 4033 विधायक हैं, जिनके 546000 पॉइंट्स हैं. 17 राज्यों में बीजेपी की सरकार है, लेकिन 9 राज्य ऐसे हैं जहां के विधायकों के वोटों की वैल्यू 30 पॉइंट से भी कम है. विपक्ष के पास 11 राज्यों में सरकार है, लेकिन 8 बड़े राज्य उनके खाते में है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पक्ष में राज्यों में कुल मिलाकर 220937 पॉइंट्स हैं. एनडीए के साथ 40.43% का समर्थन है, जबकि विपक्ष के पास विधानसभाओं में 324590 पॉइंट हैं. विधानसभा में विपक्ष के साथ 59.57% विधायकों का समर्थन है.