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मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांडः IGIMS में सरकारी खर्च पर शुरू हुई आंखों के इलाज की प्रक्रिया

बिहार के मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड ( Muzaffarpur Cataract Case ) के ऑपरेशन के बाद जिन मरीजों की आंख में परेशानी है, उनका इलाज इंदिरा गाधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस पटना (IGIMS) में सरकारी खर्च पर करवाया जा रहा है. आंखों के इलाज की तैयारी हो गई है. पढ़ें पूरी खबर..

आईजीआईएमएस में आखों के इलाज की शुरू हुई प्रक्रिया
आईजीआईएमएस में आखों के इलाज की शुरू हुई प्रक्रिया

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Published : Dec 3, 2021, 3:42 PM IST

पटनाः बिहार के मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड ( Muzaffarpur Cataract Case ) के बाद जिन मरीजों के आंख में परेशानी है, उनका इलाज पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान ( IGIMS ) में सरकारी खर्च पर कराया जा रहा है. मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान आंख गंवानेवालों के लिए 16 बेड भी लगाए गए हैं. सारे बेड ऑक्सीजन युक्त हैं. डॉक्टरों के अनुसार 6 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.

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'ऑपरेशन की तैयारी हम लोगों ने कर ली है. संस्थान में 16 बेड लगाए गए हैं. जहां मुजफ्फरपुर से आए उन मरीजों का इलाज किया जाएगा, जिनकी आंखों में कहीं न कहीं मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान गड़बड़ी हुई है. सरकार ने निर्देश दिया है और हम लोगों ने उस निर्देश के अनुसार तैयारी भी कर ली है. हमारे अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ की एक टीम बनाई गयी है. आठ डॉक्टरों की टीम है, जो आंख का इलाज करेंगे. इन सब मरीजों का यहां पर मुफ्त में इलाज होगा. साथ ही मरीज के साथ जो परिजन आएंगे, उन्हें रहने और खाने की भी सुविधा सरकार की तरफ से फ्री में दी जाएगी. छह मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.'-मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस

आईजीआईएमएस में आखों के इलाज की शुरू हुई प्रक्रिया

'ऐसी घटना आंख के ऑपरेशन के समय में होती है. लेकिन यह बड़ी घटना है. यह किस तरह हुआ, क्यों हुआ, जब हमारे पास मरीज आएंगे, तो ही हम बता सकते हैं. फिलहाल हम लोगों ने अपनी तैयारी कर ली है. यहां पर 16 बेड लगाए गए हैं. सभी बेड ऑक्सीजन युक्त हैं. किसी भी तरह की दिक्कत अगर मरीजों को होगी, तो उसके इलाज के लिए हम लोग तैयार हैं. हम लोगों ने एक टीम बनाई है और वो टीम पूरी तरह से मुजफ्फरपुर से आए हुए हैं. ऐसे मरीजों को देखने को तैयार हैं, जो मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान अपनी आंख की रोशनी खो चुके हैं या आंख में कोई गड़बड़ी हुई है. हमें उम्मीद है कि हम ऐसे मरीजों को ठीक कर लेंगे.'-विभूति भूषण, एचओडी, नेत्र रोग विभाग आईजीआईएमएस

बता दें कि इस मामले में एसकेएमसीएच में 21 मरीज भर्ती (21 patients admitted in SKMCH) हैं. जिसमें 11 ऐसे मरीज हैं जिनकी आंखें निकाली गई हैं. वहीं, 10 मरीज ऐसे हैं जिनके संक्रमण का इलाज चल रहा है. इलाज के बाद कल कई लोगों की संक्रमित आंखों को निकाला जा सकता है. अब तक कुल 15 लोगों की आंखों को निकाला (Removed Eyes of 15 People) गया है, जिसमें 4 आई हॉस्पिटल और 11 एसकेएमसीएच में भर्ती हैं, जो कि सरकारी आंकड़ा है. वहीं आज भी एसकेएमसीएच अस्पताल में भर्ती कई मरीजों का ऑपरेशन कर आंखे निकाली जा सकती है.

वहीं, इस मुद्दे पर जमकर सियासत भी हो रही है. विपक्ष ने नीतीश सरकार से उन डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है. जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने पूरी घटना की निंदा की और सरकार पर निशाना है. वहीं पप्पू यादव आज (Pappu Yadav Visit Muzaffarpur) मुजफ्फरपुर का दौरा कर पीड़ित परिवार के परिजनों से आज मुलाकात करेंगे.

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मुजफ्फरपुर जिले के जोरन छपरा स्थित (Cataract Operation Camp in Muzaffarpur) आई हॉस्पिटल में बीते 22 नवंबर को हुए एक साथ 65 लोगों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद सभी लोगों की आंखों में अचानक संक्रमण होने लगा और एक-एक कर अब तक 15 लोगों की आंखें हमेशा के लिए निकाली जा चुकी है. वहीं, अभी करीब एक दर्जन लोग जिन्हें आंखों में संक्रमण है वे अभी एसकेएमसीएच में भर्ती कराए गए हैं. प्रशासन की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अब तक 15 लोगों की ऑपरेशन कर आंख निकाली गया है, जिसमें चार मरीजों की आंख आई हॉस्पिटल के द्वारा निकाला गया था. वहीं, 11 मरीजों का आंख एसकेएमसीएच में निकाला गया है.

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सभी ऑपरेशन कराने वाले बिहार के विभिन्न जिले के साथ यूपी के रहने वाले थे. जिसमें मुजफ्फरपुर के 26, पूर्वी चंपारण-16, पश्चिमी चंपारण-07, वैशाली-07, शिवहर-02 समस्तीपुर-05, खगड़िया-01 और यूपी के कुशीनगर एक मरीज ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था. इस पूरे प्रकरण के बाद पटना से स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉक्टर हरीश चंद्र ओझा के नेतृत्व में जांच टीम भेजी गई जो आई हॉस्पिटल का भी जांच पड़ताल की. वहीं, एसकेएमसीएच में भर्ती 21 मरीजों और उनके परिजनों से भी बातचीत की.

बता दें कि मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड (Muzaffarpur Cataract Case) में सीएस के बयान पर ब्रह्मपुरा थाने में आई हॉस्पिटल प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज (Case filed against Muzaffarpur eye hospital) किया गया है. आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन होने के बाद संक्रमण के चलते 15 लोगों ने हमेशा के लिए अपनी आंखें गंवा दी थी. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन पर बड़ी लापरवाही बरतने का आरोप लगा है.

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