पटना: बिहार में जातीय जनगणना(Cast Census) पर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. जेडीयू समेत तमाम विपक्षी दल इसके पक्ष में आवाज बुलंद कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के लेटर हेड से जो पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को सौंपा गया है, उसमें पसमांदा मुसलमान (Pasmanda Muslim) का जिक्र नहीं है. ऐसे में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने इस मुहिम पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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दरअसल पिछले दिनों तेजस्वी यादव के नेतृत्व में तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात कर एक पत्र सौंपा था. नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात के लिए समय भी मांगा था. मुख्यमंत्री को सौंपे गए पत्र में केवल हिंदुओं की बात कही गई है, जिस को लेकर ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की ओर से चिंता व्यक्त की गई है.
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के अध्यक्ष और पूर्व सांसद अली अनवर अंसारी (Ali Anwar Ansari) ने कहा है कि पत्र में हिंदू समुदाय के पिछड़े और अति पिछड़े की बात तो कही गई है, लेकिन अल्पसंख्यकों का जिक्र नहीं है. जिस पर हमें आपत्ति है.
अली अनवर ने कहा है कि जो पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा गया है, उसमें हिंदू शब्द का इस्तेमाल है. जबकि पिछड़ा और अति पिछड़ा के अलावा दूसरे शब्द की जरूरत नहीं थी. अगर हिंदू शब्द का समावेश किया गया तो मुस्लिम शब्द का भी जिक्र होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने से एक समुदाय के पिछड़े और अति पिछड़ों के हितों की उपेक्षा होगी.
पूर्व सांसद अली अनवर अंसारी ने कहा है कि अन्य पिछड़े वर्गों की सरकारी सूची में जब सभी धर्मों के लोग आते हैं, तो तब इसमें सिर्फ हिंदुओं की गणना की मांग करना सामाजिक न्याय के खिलाफ है. अगर अनजाने में इस तरह की गलती हुई है, तो तुरंत इसका सुधार भी होना चाहिए.