पटना :बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र (Bihar Legislature Monsoon Session) चल रहा है. बिहार विधानसभा में आज एमपी हाई स्कूल बक्सर के छात्रों सदन की कार्यवाही देखी. बच्चे सदन की कार्यवाही देखकर काफी खुश नजर आ रहे थे. छात्रों का कहना था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को लाइव देखकर काफी अच्छा लगा. हमने देखा कि किस तरह से सदन में पक्ष और विपक्ष अपनी बातों को रखते हैं. हालांकि पूछे जाने पर उन्होंने स्कूलों की कमियों को भी गिनाया.
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''सदन में यूनीटी होनी चाहिए. यहां पर हमने यूनीटी देखी. हमने देखा विपक्ष में कोई एक हाथ उठाता था तो सब हाथ उठाते थे. हंगामा भी हुआ पर विधानसभा अध्यक्ष सर ने काफी अच्छे से संभाला उसे. बहुत अच्छा लगा. बहुत अच्छे तरीके से सदन की कार्यवाही हुई.''- रूची पांडेय, छात्रा, एमपी हाई स्कूल बक्सर
''बच्चों ने पक्ष और विपक्ष को देखा. सदन की खूबसूरती भी देखी. बच्चे अभी रहेंगे. सदन के सदस्यों के साथ बातचीत भी करेंगे. बच्चों ने जनतंत्र की धरती की खूबसूरती को देखा. बच्चो में से एक को नेता सदन और एक को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था.''- विजय सिन्हा, अध्यक्ष, बिहार विधानसभा
''अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष के सदस्य काफी हंगामा कर रहे थे. जहां सत्ता पक्ष के सदस्य बैठे थे वहां हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देखा. शाहनवाज हुसैन सर को भी देखा. कौन सही थे यह तो हम नहीं कह सकते हैं. क्योंकि वो हमसे बड़े हैं और हमसे ज्यादा जानकार लोग हैं.''- छात्रा, एमपी हाई स्कूल बक्सर
''बिहार विधानसभा की कार्यवाही देखने में काफी अच्छा लगा. हमलोगों ने पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लाइव देखा. हमलोग चाहते हैं कि सरकारी स्कूल की शिक्षा में और सुधार हो. टीचर तो हैं पर पढ़ाई नहीं हो पाती है. हमारी मांग है कि सरकारी स्कूल में इंग्लिश कोचिंग दी जाए ताकि बच्चों की इंग्लिश इंप्रूव हो सके.''- छात्रा, एमपी हाई स्कूल बक्सर
''बच्चे स्कूल में पढ़ाई करने जाते हैं, अगर वहां पढ़ाई नहीं हो पाएगी तो बच्चे कोचिंग में जाकर थोड़े ही पढ़ पाएंगे? इसलिए मैं चाहती हूं कि इंग्लिस और अनय विषयों को स्कूलों में अच्छे से पढ़ाया जाए ताकि बच्चे अपना भविष्य अच्छे से बना सकें.''- छात्रा, एमपी हाई स्कूल बक्सर
''शिक्षा में मुख्य समस्या कोचिंग संस्थान हैं. बच्चों को कोचिंग संस्थानों ने एक तरह से रोक रखा है. गली-गली कूचे में अनुभवहीन लोग अधकचड़ा ज्ञान बच्चों को देते हैं. जिसके कारण शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है. 80 से पहले बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती थी. शिक्षक अभी भी वैसी ही शिक्षा देने के लिए तैयार हैं. जरूरत है इन कोचिंग संस्थानों पर अंकुश लगाने की. अगर वह सुबह साढ़े 9 से शाम 4 बचे तक चलाते हैं तो उनपर कार्रवाई होनी चाहिए.''- डॉ. विजय कुमार मिश्रा, प्रधानाध्यापक, एमपी हाई स्कूल बक्सर