पटना :अग्निपथ योजना को लेकर राजनीतिक विरोध (Agnipath Scheme Protest) जारी है. बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में विरोधी इस मुद्दे को उठा रहे हैं. सोमवार को विपक्ष नें इसको लेकर जमकर हंगामा किया. सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. विपक्ष के इस रवैये पर बीजेपी कोटे के मंत्री सवाल उठा रहे हैं. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी (Minister Samrat Chowdhury) ने विधानसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामा पर कहा कि यह फालतू हंगामा है.
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''जो अपराधी हैं उन पर कार्रवाई होगी, जो गुंडे हैं, राजनीतिक गुंडे बनने की कोशिश कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होगी. छात्र आंदोलन कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन जिन्होंने उपद्रव किया है, आगजनी की है, रेल को जलाया है, उस पर तो कार्रवाई होगी.''- सम्राट चौधरी, मंत्री पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार
बीजेपी का रुख आक्रामक : दरअसल, अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में हुए बवाल और आगजनी की घटना के बाद बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां हुई हैं. विपक्षी सदस्य उन सब को छोड़ने की मांग कर रहा है. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही भी नहीं चली. लेकिन सत्ता पक्ष बीजेपी के नेता का साफ कहना है बिहार में जो भी घटना हुई उसमें विपक्ष की भूमिका थी. ऐसे में जिन्होंने रेल जलाया है, उन्हें छोड़ने का सवाल ही नहीं है, उन पर सख्त कार्रवाई होगी.
अग्निपथ को लेकर विधानसभा में हंगामा : बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र (Monsoon session of Bihar Legislature) का दूसरा दिन अग्निपथ योजना पर हंगामे की भेंट चढ़ गया. दूसरे दिन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई. आपको बता दें अग्निपथ योजना(Agneepath Protest) को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. विधायक सदन के वेल तक पहुंच गए. विपक्षी सदस्यों ने सदन में कहा कि हमें देश के युवाओं के भविष्य की चिंता सता रही है. स्पीकर की कोशिशों के बावजूद विपक्ष का हंगामा जारी रहा. जिस वजह से सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी.
क्या बोले शाहनवाज हुसैन : उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Minister Shahnawaz Hussain) ने कहा है कि अग्निपथ योजना को लेकर जो राजनीति राष्ट्रीय जनता दल के लोग कर रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. देश के युवाओं ने इस योजना को स्वीकार किया है. युवा चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में वह अग्निवीर बनकर देश की सेवा करें. लेकिन विपक्षी दल लगातार युवाओं को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन देश के युवा अब उनकी बातों में आने वाले नहीं हैं.
क्या बोले श्रम संसाधन मंत्री :विपक्ष के हंगामे को लेकर श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि आरजेडी की मंशा उपद्रवियों को बचाने की थी जो उनके हैं. छात्र, आंदोलन में कहीं नहीं थे. छात्रों ने अग्निपथ योजना का स्वागत किया है. देश में अब तक की सबसे अनूठी स्किलिंग योजना लाई गई है. छात्र तैयारी में जुट गए हैं और कई वीडियो आया है जिसमें छात्र कह रहे हैं 4 साल क्या 4 दिन भी सेना की वर्दी पहने का मौका मिले तो वह अद्भुत होगा. आरजेडी का नया नाम रेल जलाओ दल है. रेल जलाओ दल को जब पता चला कि छात्रों को आंदोलन में कोई रुचि नहीं है, तो ये लोग भाग खड़े हुए हैं.
क्या है अग्निपथ योजना: भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है. ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी.
'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज हैं छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.