पटना: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था में आधारभूत संरचनाओं के विकास और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के कारण, स्वास्थ्य प्रणाली में अप्रत्याशित सुधार हुआ है और प्रदेश के मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality rate) में 19 अंकों की कमी आई है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बयान जारी कर कहा है कि सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (Sample Registration Survey) द्वारा जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि साल 2016-18 में मातृ मृत्यु अनुपात 149 था, जो 2017-19 में घटकर 130 हो गया है, यानी प्रदेश में अभी प्रति एक लाख जन्म पर 130 महिलाओं की मौत हो रही है.
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मातृ मृत्यु दर प्रदेश में 15.1 से घटकर के 12.8 हो गई है और बीते 3 सालों में लगभग 1500 माताओं की संभावित मृत्यु को रोका जा सका है. देश का मातृ मृत्यु अनुपात एक लाख पर 103 है. उन्होंने कहा कि मातृ मृत्यु अनुपात में आई कमी प्रदेश में स्वास्थ्य महकमा के गंभीर प्रयास की ओर इशारा करते हैं. मातृ मृत्यु को कम करने में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कारण संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित किया जाना है. वहीं उच्च जोखिम प्रश्नों के प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व स्वास्थ्य अभियान कार्यक्रम के तहत गुणवत्तापूर्ण प्रसव के पहले जांच सुनिश्चित किया जाना भी एक अति प्रभावी कदम साबित हुआ है.
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