पटना:बिहार में अनलॉक की प्रक्रिया ( Unlock in Bihar ) के दूसरे चरण के बाद व्यावसायिक कार्यों ( Commercial Activity ) में छूट दी गई है. जिसके बाद से लोगों की जिंदगियां एक बार फिर से पटरी पर लौटने लगी है. कोरोना की दूसरी लहर की भी सबसे अधिक मार रेहड़ी-फड़ी लगाने वाले लोगों को झेलनी पड़ी. अब एक बार फिर से कोरोना ( Corona ) संक्रमण के मामले कम होने लगे हैं. जिस कारण राज्य सरकार ( State Government ) ने कुछ शर्तों के साथ व्यावसायिक कार्यों को छूट दी है. वहीं, लॉकडाउन के दौरान राज्य को प्रतिदिन 300 से 400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
पटरी पर लौट रही जिंदगी
व्यावसायिक कार्यों में छूट मिलने के बाद राजधानी पटना का बाजार एक बार फिर से गुजलजार होने लगा है. रेहड़ी-फड़ी से लेकर सर्राफा बाजार तक रफ्तार पकड़ रही है. राजधानी पटना ( Patna News) के चौक चौराहों पर ठेले पर अपनी चाय और अन्य दुकान सजाए दुकानदार कहते हैं कि इस लॉकडाउन ने उनकी आर्थिक कमर तोड़ कर रख दी थी. पर बिहार सरकार द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने के बाद से जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है.
'लॉकडाउन से पहले तो प्रतिदिन 2000 रुपये तक बेच लेते थे. अनलॉक होने के बाद घर चलाने जितना कमा लेते हैं'.रामजी, चाय दुकानदार
'6 बजे तक की छूट को बढ़ा कर उसे 8 बजे तक कर देना चाहिये. पहले 20,000 रुपये तक की ब्रिक्री होती थी, कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब 5,000 रुपये की बिक्री करते हैं.- सुरेश, दुकानदार
यह भी पढ़ें: कोरोना संकट: लॉकडाउन का बिहार की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर, प्रतिदिन 300 से 400 करोड़ का नुकसान
प्रतिदिन 300 से 400 करोड़ का नुकसान हुआ
कोरोना महामारी की पहली लहर में बिहार में 68 दिनों तक लॉकडाउन लगा था. जिसका 2020 में अर्थव्यवस्था ( Economy ) पर जबरदस्त असर पड़ा था. अब कोरोना की दूसरी लहर में भी प्रदेश में लॉकडाउन लगा. वैसे इस बार उद्योग, निर्माण क्षेत्र और कृषि को लॉकडाउन से अलग रखा गया है. बावजूद इसके कोरोना के कारण प्रतिदिन 300 से 400 करोड़ का नुकसान बिहार की अर्थव्यवस्था को हुआ.
नीतीश सरकार ( Nitish Government ) लगातार दावा करती रही है कि बिहार की विकास दर 2005 के बाद डबल डिजिट में रहा है. कोरोना के बावजूद पिछले साल भी बिहार की विकास दर 10.5 प्रतिशत रहने का दावा किया गया. वहीं, इस साल जब नए वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बजट पेश किया, तो उसमें उन्होंने दावा किया था कि इस साल भी बिहार का ग्रोथ रेट डबल डिजिट में रहेगा, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में लगे लॉकडाउनके कारण बिहार की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है.