पटना:बिहार विधानसभा चुनाव 2020 ( Bihar Assembly Election 2020 ) मेंजदयू( JDU ) ने एक साथ 15 बागियों पर कार्रवाई की थी. टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर भगवान सिंह कुशवाहा ददन पहलवान, सुमित सिंह, डॉ रणविजय सिंह, कंचन गुप्ता, प्रमोद चंद्रवंशी सहित कई नेताओं ने विद्रोह करके चुनाव मैदान में पार्टी के लिए ही मुश्किल खड़ी कर दी थी.
हालांकि उसमें से अधिकांश चुनाव हार गए. सुमित सिंह चकाई से जरूर चुनाव जीत गए और अब नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं. उन्होंने जदयू को समर्थन भी कर दिया है. मंजीत सिंह भी विद्रोह करके चुनाव लड़े थे लेकिन पार्टी ने उन पर कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया था. मंजीत भी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. भगवान सिंह कुशवाहा भी लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है.
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दरअसल, विधानसभा चुनाव में जदयू ने जिन 15 बागियों पर कार्रवाई की, उसमें भगवान सिंह कुशवाहा लोजपा ( LJP ) से टिकट लेकर जदयू उम्मीदवार के खिलाफ परेशानी पैदा कर दी थी. वहीं पूर्व विधायक रणविजय सिंह रालोसपा ( RLSP ) के टिकट पर गौह से भाजपा ( BJP ) प्रत्याशी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी थी. ददन यादव निर्दलीय डुमरांव से जदयू उम्मीदवार अंजुम आरा के खिलाफ मैदान में उतर गए और हराने में कामयाब रहे.
कंचन गुप्ता और पूर्व विधायक सुमित सिंह क्रमश: मुंगेर और चकाई में निर्दलीय उतरकर एनडीए प्रत्याशियों के लिए चुनौती पेश की. सुमित सिंह चुनाव जीत भी गए. वहीं प्रमोद सिंह चंद्रवंशी ओबरा से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़े और जदयू के सुनील कुमार के लिए परेशानी पैदा कर दी. इसी तरह जदयू के बागी अरुण कुमार बेलागंज से तजम्मुल खां रफीगंज से, राकेश रंजन बरबीघा से, मुंगेरी पासवान चेनारी से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े और एनडीए प्रत्याशी के लिए मुश्किल पैदा की.