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अब आप घर बैठे जान सकते हैं खून की उपलब्धता- मंगल पांडेय

राज्य के 89 ब्लड बैंकों का डिजिटलीकरण किया गया है. लोगों को ताकि ब्लड मिलने में आसानी हो सके. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दिशा में पहल करते हुए, राज्य के कुल 94 ब्लड बैंकों के 89 ब्लड बैंकों को ई-रक्तकोष से जोड़कर इनका डिजिटलीकरण किया गया है. दूसरी ओर राज्य के 10 जिलों में 10 नए ब्लड बैंक भी बनाये जा रहे है ताकि खून की उपलब्धता में कमी न हो.

बिहार में घर बैठे जान सकते हैं खून की उपलब्धता
बिहार में घर बैठे जान सकते हैं खून की उपलब्धता

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Published : Aug 20, 2021, 3:55 AM IST

Updated : Aug 20, 2021, 5:13 AM IST

पटना: बिहार में अब खून की उपलब्धता (Availability Of Blood) को लेकर लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने खून की उपलब्धता की जानकारी लोगों को ऑनलाइन (Information To People Online) उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. राज्य के ब्लड बैंकों का डिजिटाइजेशन (Digitization Of Blood Banks) किया जा रहा है. पांच सालों में 60 नए ब्लड स्टोरेज यूनिट (New Blood Storage Unit) की शुरुआत हुई है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने गुरुवार को बताया कि लोग अब घर बैठे खून की उपलब्धता जान सकते हैं.

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राज्य के 89 ब्लड बैंकों का डिजिटलीकरण किया गया है ताकि लोगों को ब्लड मिलने में आसानी हो सके. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दिशा में पहल करते हुये राज्य के कुल 94 ब्लड बैंकों के 89 ब्लड बैंकों को ई-रक्तकोष से जोड़कर इनका डिजिटलीकरण किया है. दूसरी ओर राज्य के 10 जिलों में 10 नए ब्लड बैंक भी बनाये जा रहे है ताकि खून की उपलब्धता में कमी न हो.

'ब्लड कलेक्शन को बढ़ाने के लिए नए ब्लड कलेक्शन स्टोरेज यूनिट भी स्थापित किए जा रहे हैं. ब्लड स्टोरेज यूनिट के मामले में राज्य सरकार ने काफी प्रगति की है. वर्ष 2016-17 में राज्य में केवल 8 ब्लड स्टोरेज यूनिट थे, जो अब बढ़कर 68 हो गए हैं. वहीं, राज्य में वर्ष 2017-18 में 46, 2018-19 में 54 एवं 2019-20 में 58 ब्लड स्टोरेज यूनिट थे. इस तरह पांच सालों में कुल 60 नए ब्लड स्टोरेज यूनिट की शुरुआत हुई है.': मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री

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'ई-रक्तकोष ब्लड बैंकों के कार्य प्रवाह को जोड़ने, डिजिटलीकरण और सुव्यवस्थित करने की एक पहल है. खून की आकस्मिक जरूरत होने पर ब्लड बैंकों पर लोगों की निर्भरता बढ़ जाती है. ऐसे में ब्लड बैंकों की खून की पर्याप्त उपलब्धता कई मरीजों के लिए जीवनदायनी साबित होती है. ब्लड बैंकों में खून की उपलब्धता अधिक से अधिक रक्तदान करने से सुनिश्चित होती है.': मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री

उन्होने कहा कि लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के लिए जरूर आगे आना चाहिए. नियमित रक्तदान करने से हार्ट के रोगों से भी बचाव होता है. रक्तदान करने से एक व्यक्ति लगभग 3 से 4 मरीजों की जान बचा सकता है.

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मंगल पांडेय ने कहा कि आने वाले समय में ब्लड स्टोरेज यूनिट की संख्या 108 तक बढ़ाने की कार्ययोजना है. अभी राज्य में कुल 94 ब्लड बैंक क्रियाशील है. जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज सहित कुल 38 सरकारी ब्लड बैंक तथा 5 रेड क्रॉस समर्थित एवं 51 निजी ब्लड बैंक हैं. राज्य के 10 जिलों में 10 नए ब्लड बैंक की शुरुआत होगी. अररिया, अरवल, सुपौल, पूर्वी चंपारण, शिवहर, बांका एवं भागलपुर के जिला अस्पतालों में नए ब्लड बैंक स्थापित किये जाएंगे.

पटना के गुरु गोविन्द सिंह अस्पताल, गया के जेपीएन अस्पताल एवं दरभंगा के बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल में भी नए ब्लड बैंक का निर्माण पूरा किया जाएगा. अररिया, अरवल, बांका एवं भागलपुर जिले में ब्लड बैंक का निर्माण अंतिम चरण में है.

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Last Updated : Aug 20, 2021, 5:13 AM IST

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